Home RegionalMaharashtra बदलापुर स्कूल यौन शोषण मामले में बॉम्बे HC सख्त! CCTV और लोगों का चरित्र सत्यापन का सुझाव दिया

बदलापुर स्कूल यौन शोषण मामले में बॉम्बे HC सख्त! CCTV और लोगों का चरित्र सत्यापन का सुझाव दिया

by Sachin Kumar
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Badlapur school Sexual Abuse Case

Badlapur school Sexual Abuse Case: बदलापुर स्कूल यौन शोषण मामला में दो जजों के नेतृत्व में गठित समिति ने बॉम्बे हाई कोर्ट को कई सुझाव दिए हैं और इसमें मुख्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने की सलाह दी गई है.

Badlapur school Sexual Abuse Case: बदलापुर स्कूल यौन शोषण केस में बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से गठित समिति ने CCTV और कर्मचारियों के चरित्र सत्यापन को अनिवार्य करने की सिफारिश की है. मामला यह है कि स्कूल में एक कॉन्टैक्ट बेस पर कर्मचारी ने दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था. वहीं, समिति की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों में लागू करने के लिए कई सुझाव प्रस्तुत किया है और इसमें मुख्य रूप से स्कूलों में सीसीटीवी को लगाना अनिवार्य, कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन, स्कूलों को परिवहन की जिम्मेदारी लेना, बच्चों को ‘गुड टच’ और बैड टच सिखाना, साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और प्रमुख स्थानों 1098 प्रदर्शित करना शामिल है.

आरोपी जवाबी कार्रवाई में मारा गया

बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की पीठ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट और उसकी सिफारिशों पर ध्यान के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि हम इस रिपोर्ट को देखेंगे और राज्य सरकार को निर्देश देंगे कि दो सप्ताह में बताना चाहिए सिफारिशों से वह क्या कदम उठाने वाली है और इसके बाद किस तरह से विचार कर रही है. बता दें कि पिछले साल अगस्त में पांच वर्षीय दो नाबालिग लड़कियों के साथ उनके स्कूल परिसर के शौचालय के अंदर एक संविदा पर भर्ती कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न किया था. उसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था और सितंबर में पुलिस ने कथित जवाबी गोलीबारी में उसे मार दिया गया था.

कोर्ट ने मामला को स्वत: लिया संज्ञान

वहीं, यौन उत्पीड़न का मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने खुद स्वत: संज्ञान लिया था और निर्देश देने का काम किया था कि शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पूर्व जजों की समिति गठन का निर्देश दिया था. इसके बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्कूलों में सीसीटीवी लगाने की व्यवस्था की जाए क्योंकि यह वक्त की मांग है. इसके अलावा एक महीने तक की फुटेज को भी सुरक्षित रखा जाए. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि किसी कर्मचारी की आपराधिक पृष्ठभूमि है तो उसे नौकरी से तुरंत निकाल दिया जाए. साथ ही प्री-प्राइमरी और प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को गुड टच और बैड टच की भी व्यवस्था की जाए.

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