Sakhi Pad Bank: सुनीता भार्गव ‘सखी पैड बैंक’ नामक एक संस्था चला रहीं हैं जो कि महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देता है. इस संस्था ने अब तक 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को सैनिटरी पैड बांटा है.
28 July, 2024
Sakhi Pad Bank: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली सुनीता भार्गव एक ऐसी संस्था चला रही हैं, जिसने महिलाओं के जीवन को बदल दिया है. सुनीता भार्गव ‘सखी पैड बैंक’ नामक एक संस्था चला रही हैं जो महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड देता है. इस संस्था ने अब तक 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को सैनिटरी पैड बांटे हैं. यह संस्था उन महिलाओं की मदद करती है जो कि खुद से सैनिटरी पैड नहीं खरीद पाती हैं. साल 2018 से सुनीता भार्गव महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड दे रही हैं.
व्हाट्सएप पर आए एक मैसेज ने झकझोर दिया
सुनीता भार्गव ने बताया कि 2018 में उनके पास व्हाट्सएप पर एक ऐसा मैसेज आया, जिसने उनको झकझोर कर रख दिया. कुछ महिलाएं थीं जिनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने लिए सैनिटरी पैड खरिद पाए, जिसके कारण वो कई तरह की परेशानियों का सामना कर रही थीं. उस समय उन्हें यह एहसास हुआ कि गरीब लोगों के पास सैनिटरी पैड खरीदने के लिए 30 रुपये भी नहीं हैं. इस घटना के बाद मैंने इस अभियान को चलाने के बारे में सोचा. शुरुआत में उन्होंने अकेले काम किया, लेकिन फिर कई महिलाओं हमारे साथ आई और इस अभियान से जुड़ गईं.
100 से भी ज्यादा वॉलिंटियर इस अभियान से जुड़े
सुनीता का मकसद ऐसी जरूरतमंद महिलाओं की मदद करना था जो खराब माली हालत के कारण सफाई से जुड़े प्रोडक्ट को भी नहीं खरीद सकती थीं, जो उनके लिए बहुत खतरनाक भी हो सकता है. वर्तमान समय में 100 से भी ज्यादा वॉलिंटियर इस अभियान में सुनीता का साथ दे रहे हैं. सुनीता भार्गव वाराणसी के कोने-कोने में जाकर महिलाओं को सैनिटरी पैड के प्रति जागरूक करती हैं और उन्हें फ्री सेनेटरी पैड देती हैं. सखी पैड बैंक का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं का कहना है कि इस अभियान से उन्हें काफी फायदा हुआ है. सुनीता भार्गव ने कहा है कि वो गांव गांव जाकर सैनिटरी पैड के लिए वेंडिंग मशीनें लगाने की योजना बना रहीं हैं. इससे गरीब परिवारों की लड़कियां और महिलाएं बिना संकोच के पैड पा सकेंगी और कई बीमारियों से बच सकेंगी.
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