CII Post Budget Conference: पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जिस बिरादरी (नेताओं) से आता हैं, उसकी पहचान बन गई है कि चुनावों से पहले जो बातें करते हैं. उसे चुनाव के बाद भुला देते हैं.
30 July, 2024
CII Post Budget Conference: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन में 23 जुलाई को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया. अब मंगलवार को CII पोस्ट बजट सम्मेलन का आयोजन किया गया है. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए. CII पोस्ट बजट सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा और आज भारत 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास कर रहा है.
‘विकास दर को पटरी पर लाना सबसे बड़ा चर्चा का विषय’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि महामारी के समय विकास दर को फिर से पटरी पर लाना सबसे बड़ा चर्चा का विषय था. आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बन गया है और वह दिन भी दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा. पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जिस बिरादरी (नेताओं) से आता हैं, उसकी पहचान बन गई है कि चुनावों से पहले जो बातें करते हैं. उसे चुनाव के बाद भुला देते हैं. लेकिन मैं उस बिरादरी में एक अपवाद के रूप में हूं. उन्होंने दावा किया कि NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल में हमारा देश बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे की तरफ बढ़ रहा है.
यह भी पढ़ें: UP Politics: क्या यूपी में योगी और मौर्य की जंग खत्म, किसकी हुई हार?
‘पहले कैपिटल एक्सपेंडिचर करीब 90 हजार करोड़ का’
पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार का जब आखिरी बजट आया था, वह 16 लाख करोड़ रुपये का था. आज NDA की सरकार में बजट तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं साल 2004 में UPA सरकार की शुरूआत हुई और UPA सरकार के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर करीब 90 हजार करोड़ का था. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि UPA सरकार 10 साल बाद भी 2014 में कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपये तक ही पहुंचा पाई थी. आज देश के कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
‘हाई ग्रोथ और कम मुद्रास्फीति वाला भारत इकलौता देश’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि साल 2014 में 1 करोड़ रुपये कमाने वाली MSMEs को आनुमानिक कराधान (presumptive tax) देना होता था. आज 3 करोड़ लाभ वाली MSMEs भी इसका लाभ उठा सकती हैं. पहले 50 करोड़ कमाने वाली लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों को 30 प्रतिशत का टैक्स देना पड़ता था. आज यह 22 प्रतिशत है. 2014 में कई कंपनियां 30 प्रतिशत कार्पोरेट टैक्स देती रही थी. अह 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए यह सिर्फ 25 प्रतिशत है. वर्तमान में दुनिया के कई देश लो ग्रोथ रेट से (Low Growth) और उच्च मुद्रास्फीति (High Inflation) से जूझ रहे हैं. वहीं हाई ग्रोथ और कम मुद्रास्फीति वाला भारत दुनिया का इकलौता देश है.
यह भी पढ़ें: वायनाड में भूस्खलन से 23 की मौत, बड़ी संख्या में दबे लोग; केरल सरकार ने मांगी सेना से मदद