Budget 2024: पीएम मोदी को मालूम है अगर केंद्र में पांच साल तक सत्ता में बने रहना है तो नीतीश और नायडू को राजनीति रूप से नाथना जरूरी है.
23 July, 2024
धर्मेन्द्र कुमार सिंह, नई दिल्ली: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के सहारे चल रही है. नीतीश और नायडू राजनीति के ऐसे तुरुप के पत्ते हैं जिस पर भरोसा करना आसान नहीं है. खासकर राजनीति में पाला बदलने में माहिर नीतीश कुमार को पलटू राम भी कहते हैं, कब वह पलट जाएं? कहना मुश्किल है. वहीं चंद्रबादू नायडू नीतीश की तरफ पलटू राम तो नहीं है. लेकिन, जिंदगी भर NDA के साथ रहने के बाद भी एक बार मोदी के खिलाफ बिगुल बजा चुके हैं.
पीएम मोदी को मालूम है अगर केंद्र में पांच साल तक सत्ता में बने रहना है तो नीतीश और नायडू को राजनीति रूप से नाथना जरूरी है, इसीलिए मोदी ने इस बजट में दोनों नेताओं को सिर्फ नाथने का ही काम ही नहीं किया है, बल्कि बजट के जरिए खामोश करने की भी कोशिश की है. बिहार और आंध्र प्रदेश पर मोदी इतने मेहरबान हो गए कि यह मेहरबानी राहुल गांधी को खलने लगी है. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए ऐसा किया. यह बजट के नाम पर तुष्टीकरण है.
नीतीश पर मोदी मेहरबान क्यों हुए?
नीतीश कुमार केंद्र और राज्य की राजनीति में ऐसी धुरी बन गए हैं, जिससे एक तरफ केंद्र में नीतीश के सहारे सरकार चल रही है तो दूसरी तरफ बिहार में नीतीश सरकार की हिस्सा BJP है. मोदी इस बार बहुमत से दूर छूट गए हैं और बहुमत तक पहुंचाने में नीतीश और नायडू की अहम भूमिका है. इस बार नीतीश की पार्टी को लोकसभा में 12 सीटें मिली हैं, लेकिन 12 सीटें ऐसी हैं जिस पर मोदी सरकार का वजूद टिका है. मोदी सरकार की मजबूरी है कि इस बार वह हल्के में नीतीश कुमार को नहीं ले रहे हैं. यही वजह रही है कि इस बार बजट में बिहार पर घोषणाओं की बारिश हो गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन मंगलवार को 7वीं बार देश का बजट पेश किया लेकिन इस बजट में सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश की चर्चा हो रही है. बिहार को मौटे तौर पर करीब 1 लाख करोड़ की बड़ी सौगात मिली है. वैशाली-बोधगया एक्सप्रेसवे, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे को हरी झंडी मिल गई है. इसके साथ ही बोधगया से राजगीर, वैशाली होते हुए दरभंगा तक हाईवे बनेगा. यही नहीं केंद्र सरकार गंगा पर दो नए पुल भी बनाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि विकास कार्यों के लिए बिहार को 26000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. निर्मला सीतारमन ने यह भी कहा है कि बिहार में सड़क, बिजली और रेलवे का जाल बिछाया जाएगा.
इसके अलावा बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट बनाने का भी एलान किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर केंद्र सरकार बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी. बिहार के पीरपैंती में एक नया 2400 मेगावाट बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं 21,400 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जाएंगी. गया में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह कॉरिडोर बनाया जाएगा. राजगीर के हिंदू और जैन मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सहायता दी जाएगी, जिससे टूरिज्म सेक्टर का विकास होगा. बिहार में बाढ़ नियंत्रण के लिए 11,500 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया है. हालांकि नीतीश कुमार की मांग थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले और साथ ही साथ विशेष पैकेज मिले लेकिन, केंद्र सरकार ने साफ शब्दों में कह दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है. बिहार को भले विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला लेकिन मोदी ने दिल खोलकर बिहार को पैसा दिया है. दरअसल, मोदी सरकार को डर था कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता तो दूसरे राज्य भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर सकते हैं.
चंद्रबाबू नायडू को क्या मिला?
लोकसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को 16 सीटें मिली है और नायडू की पार्टी TDP, NDA में BJP के बाद सबसे बड़ी पार्टी है. जाहिर है कि पीएम मोदी ने नीतीश को साधने के बाद नायडू को नाथने की कोशिश की है. यह अलग बात है कि नीतीश की अहमियत केंद्र और राज्य दोनों में हैं लेकिन नायडू लोकसभा के लिए अति महत्वपूर्ण है. इस बजट में आंध्र प्रदेश को भी तोहफा मिला है. बजट के भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के पुनर्गठन के समय जो वादे किए गए थे, वह पूरे किए जाएंगे. आंध्र प्रदेश को करीब 15000 करोड़ का पैकेज मिलेगा. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में वित्त मंत्री ने राज्य की पूंजी आवश्यकता को स्वीकार किया है. जैसे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है वैसे ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा. यह तो बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए खास है लेकिन इसके अलावा किसान, रोजगार, गरीबों को घर में ही मोदी सरकार के बजट का हिस्सा मिलेगा. लेकिन सवाल वही है बजट में खास ध्यान देने के बाद भी क्या नीतीश कुमार और नायडू बीच में धोखा तो नहीं देंगे.
धर्मेन्द्र कुमार सिंह (इनपुट एडिटर, लाइव टाइम्स)