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Zia Ul Haq Murder Case में 11 साल बाद फैसला, दोषियों को उम्रकैद, राजा भैया का जुड़ा था नाम

by Divyansh Sharma
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Zia Ul Haq Murder Case: यह पूरा मामला साल 2013 का है. इस हत्याकांड में कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) पर भी आरोप लगा था.

Zia Ul Haq Murder Case: उत्तर प्रदेश से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के कुंडा (Kunda) DSP जियाउल हक हत्याकांड के दोषियों को सजा सुना दी गई है.

लखनऊ की CBI यानी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) की स्पेशल कोर्ट ने यह सजा सुनाई है. कोर्ट ने 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि यह 11 साल पहले का मामला है.

रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया पर लगा आरोप

कोर्ट ने फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल, राम आसरे,मुन्ना पटेल,शिवराम, जगत बहादुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

इसके साथ ही आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कुछ दिन पहले सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया था और सजा सुनाने के लिए नौ अक्टूबर की तारीख तय की थी.

अब बुधवार को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने जुर्माने की आधी रकम जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद (Parveen Azad) को देने का आदेश भी दिया है. यह पूरा मामला साल 2013 का है.

इस हत्याकांड में कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) पर भी आरोप लगा था. हालांकि, जांच के दौरान ही उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी.

2012 में कुंडा सर्किल की मिली जिम्मेदारी

बता दें कि CO जिया उल हक को साल 2012 में कुंडा सर्किल की जिम्मेदारी मिली थी. इसके बाद साल 2013 में हथिगवां के बलीपुर गांव में दो मार्च की शाम चाय की दुकान पर बैठे प्रधान नन्हे सिंह यादव की जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

दरअसल, बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या कर दी गई. इसके बाद उसके भाई सुरेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. दोनों की मौत से लोग आक्रोशित हो गए. लोगों को समझाने पहुंचे कुंडा के सर्किल अफसर (CO) जियाउल हक को घेर लिया और उनपर हमला कर दिया.

लाठी डंडों से पीटने के बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या का आरोप कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया (Raja Bhaiya) और उनके करीबी रहे गुलशन यादव (Gulshan Yadav) पर लगा था.

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2 मार्च 2013 का घटनाक्रम

•प्रधान नन्हे सिंह यादव की गोली मारकर हत्या.
•प्रधान का शव घर आने के बाद बवाल शुरू हुआ.
•हत्यारोपी कामता के घर ग्रामीणों ने तोड़फोड़ की.
•प्रधान के भाई सुरेश की गोली लगने से मौत.
•रात साढ़े आठ बजे कुंडा CO जिया उल हक पहुंचे.
•आरोपियों ने उन्हें घेरकर पीटा और गोली मारकर हत्या कर दी.
•अधिकारी थानों की फोर्स, PAC लेकर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया.
•हथिगवां थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई.

CO की पत्नी परवीन आजाद दर्ज कराया मुकदमा

इसके अगले दिन पोस्टमार्टम हाउस पर भी जमकर हंगामा हुआ. CO की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. हत्याकांड को लेकर राजा भैया ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने घटना की CBI जांच के लिए पत्र लिखा. दिल्ली में राजा भैया का नार्को टेस्ट भी हुआ था. CBI ने जांच शुरू की और राजा भैया समेत अन्य आरोपियों को क्लीनचिट दे दी.

इसके बाद CO की पत्नी परवीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. वहीं, 9 मार्च 2017 को हत्याकांड के मुख्य आरोपी योगेंद्र उर्फ बबलू की मौत हो गई. बबलू के परिजनों ने राजा भैया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. साल 2023 में CBI को कोर्ट ने फिर बलीपुर जाकर जांच करने निर्देश दिया था.

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