जाम के शौकीन लोगों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है. सूबे की आबकारी नीति में बदलाव किया गया है. पीने वालों को अब अलग-अलग दुकानों पर नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि एक ही दुकान में देसी और अंग्रेजी शराब व बीयर मिल जाएगी.
LUCKNOW: जाम के शौकीन लोगों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है. सूबे की आबकारी नीति में बदलाव किया गया है. पीने वालों को अब अलग-अलग दुकानों पर नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि एक ही दुकान में देसी और अंग्रेजी शराब व बीयर मिल जाएगी. नई नीति में देशी-अंग्रेजी शराब, बीयर व भांग की दुकानें ई लाटरी सिस्टम से आवंटित की जाएंगी.
इस बार पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित की गई थी. हालांकि वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस नवीनीकरकण का विकल्प दिया जाएगा. आबकारी नीति में प्रदेश में पहली बार कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस भी जारी किया जाएगा, जिसमें विदेशी शराब, बीयर और वाइन की एक साथ बिक्री की सुविधा होगी. लेकिन इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी.
55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य
मालूम हो कि नई नीति में सरकार ने 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4 हजार करोड़ रुपये अधिक है. वहीं प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण फीस 25 लाख रुपये वार्षिक रखा गया है. पिछले साल की तरह लाइसेंस फीस यथावत रखी गई है. कोई भी व्यक्ति,फर्म,कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी. विदेशी मदिरा की मात्रा निर्धारित कर दी गई है.अब 60 और 90 एमएल में भी विदेशी शराब मिलेगी.
कैबिनेट की बैठक में बुधवार को आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई. इसके तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी.वहीं पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है.निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब क्रय,परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है.
लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी. लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे. नई नीति में देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होती है.
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