MP News: सरकार भोपाल में नवाब साहब की संपत्ति को ‘शत्रु संपत्ति’ होने का दावा कर रही है, क्योंकि नवाब की बड़ी बेटी आबिदा साल 1950 में पाकिस्तान चली गई थी.
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. सरकार नवाब परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति को अपने कब्जे में ले सकती है. दरअसल, मंगलवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस संपत्ति पर लगे स्टे को हटा दिया है. साथ ही सरकार इस संपत्ति को ‘शत्रु संपत्ति’ होने का दावा कर रही है, क्योंकि नवाब साहब की बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान चली गई थी. बता दें कि यह वही संपत्ति है जिस पर नवाब परिवार के वंशज यानी सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर अपना दावा ठोक रहे हैं.
15 हजार करोड़ रुपये आंकी गई कीमत
दरअसल, यह पूरा मामला भोपाल के खानू गांव का है और शत्रु संपत्ति अधिनियम से जुड़ा है. इस गांव में नवाब मंसूर अली खान पटौदी और उनके परिवार की कुल 15 हजार करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति है. इसी संपत्ति पर मध्य प्रदेश सरकार कब्जा कर सकती है. मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट के जबलपुर पीठ ने मंगलवार को इस संपत्ति पर साल 2015 से लगे स्टे को खत्म कर दिया है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने नवाब परिवार को 30 दिनों के अंदर अपील कर अपना पक्ष रखने का मौका दिया था.
अब यह समय सीमा अब खत्म हो चुकी है. साथ ही मंसूर अली खान पटौदी के परिवार की ओर से अभी तक कोई दावा पेश नहीं किया गया है. गौरतलब है कि साल 2013 में भोपाल में 24 संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ बताया गया था. इसके बाद मुंबई स्थित ‘शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय’ ने साल 2015 में एक आदेश जारी किया था. इस आदेश के मुताबिक भोपाल में नवाब साहब की जमीन को सरकारी घोषित कर दिया था.
पाकिस्तान में बस गई नवाब की बेटी
दरअसल, इस मामले में केंद्र सरकार ने इसी साल स्पष्ट कर दिया था कि नवाब हमीदुल्लाह खान की पूरी संपत्ति की असल वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थी, जो साल 1950 में पाकिस्तान जाकर बस गई. ऐसे में इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति कानून के तहत सरकारी घोषित करने की कार्रवाई शुरू की गई. हालांकि, नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के वंशज सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर हैं, वह इस संपत्ति पर अपना दावा कर रहे हैं.
गौरतलब है कि हमीदुल्लाह खान की दो बेटियां थी. उनकी बड़ी बेटी का नाम आबिदा सुल्तान था और दूसरी बेटी का नाम साजिदा सुल्तान था. आबिदा सुल्तान के बाद साजिदा सुल्तान नवाब साहब की उत्तराधिकारी बनी थी, क्योंकि नवाब का कोई पुत्र नहीं था. बता दें कि ‘शत्रु संपत्ति अधिनियम’ साल 1968 में बनाया गया था. इस कानून के तहत भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान जाकर बसे लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्ति पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है.
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नवाब की कुल संपत्ति
नवाब परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति में हरियाणा के गुरुग्राम स्थित पटौदी पैलेस के साथ भोपाल का नूर-उस-सबाह पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, दार-उस-सलाम, बंगला ऑफ हबीबी, कॉटेज 9, फोर क्वार्टर्स, मोटर्स गैराज, वर्कशॉप, न्यू कॉलोनी क्वार्टर्स, बंगला नंबर वन न्यू कॉलोनी, डेयरी फर्म क्वार्टर्स, फारस खाना, फॉरेस्ट स्टोर, पुलिस गार्ड रूम, गर्वमेंट डिस्पेंसरी, गर्वमेंट स्कूल, कोहेफिजा प्रॉपर्टी और अहमदाबाद पैलेस जैसी कई जमीनें और इमारतें शामिल हैं.
स्टे हटने के बाद सरकार इन पर कब्जा कर सकती है, जिसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि पिछले 72 सालों में शत्रु संपत्तियां किन-किन लोगों के नाम की गई हैं, इसकी भी जांच की जाएगी. हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब कुल संपत्ति का सर्वे भी कराया जाएगा.
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