MahaKumbh Mela 2025: पूरे शहर में होटल, रेस्टोरेंट, खाने-पीने की दुकानों के साथ पूजा सामग्री, धार्मिक पुस्तकों, माला-फूल की दुकानें सजाई जा रही हैं.
MahaKumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम किनारे हर 12 साल बाद लगने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं. इस बीच महाकुंभ में कई नई तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं. महाकुंभ मेला क्षेत्र में दुकान लगाने वाले दुकानदार पूजा सामग्री, पत्रा-पंचाग, धार्मिक पुस्तकें, रुद्राक्ष और तुलसी की मालाएं मंगा रहे हैं. दुकानदार यह सामान नेपाल, बनारस, मथुरा-वृदांवन से मंगा रहे हैं.
मेले में रुद्राक्ष और तुलसी की मालाओं की बढ़ी मांग
दरअसल, महाकुंभ को लेकर प्रयागराज के दुकानदार और व्यापारी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. महाकुंभ मेला उनके लिए आस्था और सौभाग्य के साथ व्यापार और रोजगार के भी अवसर लेकर आया है. पूरे शहर में होटल, रेस्टोरेंट, खाने-पीने की दुकानों के साथ पूजा सामग्री, धार्मिक पुस्तकों, माला-फूल की दुकानें सजाई जा रही हैं. इसे लेकर थोक व्यापारियों का कहना है कि महाकुंभ में आने वाले साधु-संन्यासी, कल्पवासी, श्रद्धालु और पर्यटक मेले में धार्मिक पुस्तकें, पूजन सामग्री, रोली-चंदन और मालाएं खरीदते हैं.
संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना शुरू हो गया है।
— 𝗠𝗮𝗵𝗮 𝗞𝘂𝗺𝗯𝗵 𝟮𝟬𝟮𝟱 🛕 (@Mahakumbh25_) January 2, 2025
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण प्रयागराज हवाईअड्डा के द्वारा 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित इस महापर्व में, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नई उड़ानों का शुभारंभ किया गया है। pic.twitter.com/6zQXFGgfan
ऐसे में श्रद्धालुओं के अनुमान के मुताबिक दूसरे शहरों से भारी मात्रा में समान मंगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वह पूजा सामग्री, पत्रा-पंचाग, धार्मिक पुस्तकें, रुद्राक्ष और तुलसी की मालाओं को नेपाल, उत्तराखंड, बनारस, मथुरा-वृदांवन जैसी जगहों से मंगा रहे हैं. इसके साथ ही धार्मिक पुस्तकों की भी बड़े पैमाने पर मांग होती है. इसमें गीता प्रेस, गोरखपुर से छपी धार्मिक पुस्तकों ज्यादा बिकती हैं.
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40-45 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि अधिकांश श्रद्धालु राम चरित मानस, भागवत गीता, शिव पुराण और आरती संग्रह की मांग करते हैं. साथ ही मेले में पहुंचने वाले पुजारी वाराणसी से छपे हुए पत्रा और पंचाग भी खरीद कर ले जाते हैं. साथ ही मुरादाबाद और बनारस में बनी पीतल और तांबें की घंटियां, दीपक, मूर्तियां भी मंगाई जा रही हैं. ऐसे में दुकानदार पूरी तैयारी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 12 साल बाद होने वाला यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. 45 दिवसीय इस उत्सव में देश और विदेश से 40 करोड़ से ज्यादा संतों, श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ प्रयागराज के दुकानदार और व्यापारी युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. भारी संख्या में श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश पर मेला प्राधिकरण पूरे जोश और उत्साह के साथ उनका इंतजार कर कर रहा है.
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