Home Top News यूपी की एक और मस्जिद को लेकर विवाद! जानें अब कुशीनगर में क्यों गरजा प्रशासन का ‘बुलडोजर’

यूपी की एक और मस्जिद को लेकर विवाद! जानें अब कुशीनगर में क्यों गरजा प्रशासन का ‘बुलडोजर’

by Divyansh Sharma
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Kushinagar Masjid News: पहले मदनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन देखने को मिला था. अब मंगलवार को उसी जगह समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन पहुंचा है.

Kushinagar Masjid News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मस्जिद का विवाद गहराता ही जा रहा है. कुशीनगर में मदनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन को लेकर जमकर सियासत देखने को मिल रही है. कुछ दिनों पहले मदनी मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन देखने को मिला था. अब मंगलवार को उसी जगह समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन पहुंचा है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि मदनी मस्जिद से जुड़ा पूरा विवाद क्या है.

अवैध कब्जे पर हुआ मस्जिद का निर्माण

समाजवादी पार्टी के डेलिगेशन ने मंगलवार को मस्जिद पक्षकारों से बात की. साथ ही बुलडोजर एक्शन की जानकारी ली है. उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मस्जिद से जुड़े हर मामले की जानकारी ली. इसके बाद डेलिगेशन अपनी रिपोर्ट समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सौंपेगा. दरअसल, एक दिन पहले कुशीनगर के हाटा क्षेत्र में मदनी मस्जिद पर प्रशासन ने बुलडोजर गरजा था.

प्रशासन के कई बुलडोजर की मदद से मदनी मस्जिद के अवैध हिस्सों को गिरा दिया था. इस मामले के सामने आते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. वहीं, मदनी मस्जिद पर हुए इतने बड़े एक्शन पर प्रशासन ने बयान जारी कर बताया कि मदनी मस्जिद ग्राम समाज-सरकारी और पुलिस थाने की भूमि पर पर बनाई गई थी. बयान में यह भी बताया गया कि मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से अतिक्रमण करके किया गया. साथ ही मस्जिद के अवैध हिस्सों को लेकर भी विवाद सामने आ चुका है.

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साल 1999 में हुआ था मस्जिद का निर्माण

ऐसे में प्रशासन ने जांच शुरू की और बाद में मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई. इसके साथ ही मस्जिद पक्षकारों को हाटा नगर पालिका की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था. नोटिस में नगर पालिका ने मस्जिद पक्षकारों से मस्जिद का नक्शा और इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था. जानकारी के मुताबिक प्रशासन की ओर से मस्जिद कमेटी को 3 बार समय भी दिया गया.

मस्जिद कमेटी की ओर से तय समय पर जानकारी न देने पर नगर पालिका ने कार्रवाई शुरू की. इस बीच मस्जिद पक्षकारों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से 8 फरवरी तक के लिए स्टे ले लिया था. स्टे खत्म होते ही प्रशासन बड़ी कई बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंच गया और अवैध हिस्सों को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी. कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1999 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था. प्रशासन की ओर से जारी बयान के मुताबिक नक्शे में सिर्फ 2 मंजिल को दिखाया गया था. बाद में मस्जिद के ऊपर 2 मंजिल का और निर्माण किया गया.

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