Delhi Pollution Update : दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है.
Delhi Pollution Update : दिल्ली-NCR में मंगलवार (21 अक्टूबर) सुबह धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई. इसके चलते दिल्लीवासियों को भी दमघोंटू हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है, जिसके मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा कि शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई और 27 निगरानी स्टेशन रेड जोन में आ गए हैं. इसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 21 अक्टूबर को ही GRAP का दूसरा चरण लागू कर दिया है. मंगलवार सुबह नौ बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 317 दर्ज किया गया, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक है.
इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध
हवा की गुणवत्ता में इस गिरावट के कारण राष्ट्रीय राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर सहित कोयले और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध लग गया है. साथ ही आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर सेट का ज्यादा इस्तेमाल करना भी इसके नियमों में से एक है.
इन इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा?
आपको बता दें कि वायु प्रदूषण के लिहाज से मुंडका, बवाना, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी, द्वारका, मंदिर मार्ग समेत कई इलाके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गए हैं.
किस श्रेणी में ज्यादा खातक है AQI?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) के अनुसार, मंगलवार सुबह 8.30 बजे आर्द्रता 93 प्रतिशत थी. IMD ने दिन में आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. शून्य और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’ माना जाता है, जबकि 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है. 101 और 200 के बीच AQI को ‘मध्यम’ में गिना जाता है. इसी तरह 201 और 300 के बीच AQI को ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया जाता है. वहीं, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
CAQM ने की अपील
CAQM (Commission for Air Quality Management) ने नागरिकों से अपील की है कि GRAP के दूसरे चरण के तहत सार्वजनिक परिवहन का उपयोग अधिक करें. इसके अलावा कम टेक्नॉलॉजी का उपयोग करके कम भीड़भाड़ वाले रास्ते चुनने की सलाह दी गई है. इस चरण में लोगों को उनके ऑटोमोबाइल में नियमित अंतराल पर एयर फिल्टर बदलने के लिए भी कहा गया है. साथ ही CAQM ने सभी को अक्टूबर से जनवरी के दौरान धूल उत्पन्न करने वाली गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है. लोगों से यह भी अपील की गई है कि ठोस वेस्ट मटेरियल और बायोमास को खुले में न जलाएं. इन सभी उपायों को अपनाकर हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं.
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