Home RegionalBihar नीतीश कुमार BJP की मजबूरी या जरूरत? जानें क्यों गिरिराज सिंह ने मांगा मुख्यमंत्री के लिए भारत रत्न

नीतीश कुमार BJP की मजबूरी या जरूरत? जानें क्यों गिरिराज सिंह ने मांगा मुख्यमंत्री के लिए भारत रत्न

by Divyansh Sharma
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Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार के सत्ता में आने से पहले बिहार खस्ताहाल सड़कों और स्कूलों के लिए फेमस था.

Bihar Politics: JDU यानी जनता दल-यूनाइटेड के नेता कई मौकों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग करते रहे हैं. इस बीच BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने पहली बार नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की है. यह बात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कही है. नीतीश कुमार के साथ ही उन्होंने ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठा दी है.

नीतीश कुमार की जमकर तारीफ

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में यह मांग की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सत्ता में आने से पहले बिहार अपने खस्ताहाल सड़कों और स्कूलों के लिए फेमस था. अब नीतीश कुमार ने राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. इसी तरह नवीन पटनायक ने बतौर मुख्यमंत्री सालों तक ओडिशा की सेवा की. इन दोनों जैसे नेता भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं.

गौरतलब है कि गिरिराज सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुख्य आलोचक माने जाते हैं. कई मौकों पर उन्होंने नीतीश कुमार कुमार की कड़ी आलोचना भी की है. ऐसे में गिरिराज सिंह के नीतीश कुमार को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग वाले बयान ने बिहार की राजनीति में नई सियासी अटकलों को जन्म दे दिया है.

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क्या कहते हैं पिछले चुनावों के आंकड़े

पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो साफ तौर पर पता चलता है कि नीतीश कुमार की पार्टी के चुनाव लड़ने वाली पार्टी के सीटों में बढ़ोतरी होती है. हालांकि, वोट शेयर में मामूली अंतर देखा जाता है. साल 2015 में JDU और RJD ने एक साथ चुनाव लड़ा. इस दौरान महागठबंधन को 41.84 फीसदी वोट शेयर मिला. हालांकि, 178 सीटों पर जीत मिली. NDA को सिर्फ 34.59 फीसदी वोट शेयर मिला और सिर्फ 58 सीटों पर जीत मिली.

वहीं, साल 2020 में JDU ने NDA के साथ चुनाव लड़ा. इस दौरान NDA को 37.26 फीसदी वोट शेयर के साथ 125 सीटों पर जीत मिली. ऐसे में सियासी हलकों में चर्चा रहती है कि बिहार में सत्ता तक पहुंचने के लिए नीतीश कुमार सबसे जरूरी हैं. इसी को लेकर दावा किया जा रहा है कि गिरिराज सिंह की यह मांग राजनीति से प्रेरित है. गौरतलब है कि गिरिराज सिंह ने यह भी कहा है कि RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद की शरारतों के बाद भी उनकी पार्टी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक है.

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