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औरंगजेब की तारीफ, अबू आजमी को पड़ी भारी! महाराष्ट्र में हंगामा, जानें किसने क्या कहा

by Divyansh Sharma
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Aurangzeb And Maharashtra Politics: SP विधायक अबू आजमी की औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली टिप्पणी पर महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ.

Aurangzeb And Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एक बार फिर से मुगल शासक औरंगजेब को लेकर सियासत अपने चरम पर है. SP यानि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी की औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली टिप्पणी पर महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. राज्य की सत्तासीन महायुति के सदस्यों ने अबू आजमी को निलंबित करने और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाने की मांग की है. वहीं, अबू आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया है.

विवाद बढ़ने पर वापस लिया बयान

दरअसल, एक दिन पहले मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए SP विधायक अबू आजमी ने कहा था कि हमें गलत इतिहास दिखाया गया. औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं और मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए थी. ऐसे में अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुस्लिम के बीच थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता.

विवाद बढ़ता देख अबू आजमी ने फिर कहा कि उस दौर के राजा सत्ता के लिए संघर्ष करते थे. औरंगजेब ने 52 सालों तक राज किया. ऐसे में वह हिंदुओं को मुस्लिमों में बदल रहा होता, तो कितने हिंदू धर्म बदल लेते. औरंगजेब ने मंदिरों को नष्ट किया, तो उसने मस्जिदों को भी ध्वस्त किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34 फीसदी हिंदू उसके साथ नहीं होते और सलाहकार भी हिंदू नहीं होते. इस मामले को हिंदू-मुस्लिम एंगल देने की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही कहा कि देश संविधान से चलेगा और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा.

अबू आजमी पर दर्ज हुई है FIR

इस मामले पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान सामने आया. उन्होंने सोमवार को कहा कि यह निंदनीय है. औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया. उसे अच्छा इंसान कहना पाप है और अबू आजमी को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस ने भी इसे गंभीरता से लिया है. उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए.

विवाद बढ़ता देख मंगलवार को अबू आजमी ने फिर कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और किसी को लगा कि मैंने गलत कहा है, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं. विधानसभा चलनी चाहिए. साथ ही पूछा कि मेरे बयान पर इतना हंगामा क्यों? मैं चाहता हूं कि इस मामले को खत्म किया जाए. बता दें कि अबू आजमी की टिप्पणी पर हंगामे के बाद उच्च सदन की कार्यवाही दो बार से स्थगित की गई और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. साथ ही शिव सेना शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के की शिकायत पर अबू आजमी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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किसने क्या बोला?

इमरान मसूद (कांग्रेस सांसद)- अगर कोई आदमी इतिहास को बता रहा है, तो क्या विवादित हो गया. गैजेटियर के अदर जो इतिहास लिखा है, उसे निकलवाइए. तब पता चलेगा क्या हकीकत है.
सुधांशु त्रिवेदी (BJP प्रवक्ता)- समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता सनातन के उन्मूलन के लिए किसी भी हद को पार कर सकते हैं. इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि जो लोग बुलाए जाने के बाद भी अयोध्या नहीं गए और जो लोग महाकुंभ में नहीं गए, वह अब दुनिया के सबसे क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं से कितनी नफरत करते हैं.
उदय सामंत (मंत्री, महाराष्ट्र)- अबू आजमी को सदन से निलंबित किया जाए और उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए. हम उस व्यक्ति की प्रशंसा बर्दाश्त नहीं कर सकते, जिसने छत्रपति शिवाजी महाराज को परेशान किया और छत्रपति संभाजी महाराज पर अत्याचार किया.
अतुल भटकलकर (BJP विधायक)- विधायक ने मांग की कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित किया जाए.
गुलाबराव पाटिल (मंत्री, महाराष्ट्र)- गुलाबराव पाटिल ने भी आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
सुधीर मुनगंटीवार (BJP विधायक)- औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त कर दिया जाए.
भास्कर जाधव (शिवसेना-UBT विधायक)- औरंगजेब पर बवाल को नाटक बताया.
अंबादास दानवे (विधान परिषद में विपक्ष के नेता)- न केवल अबू आजमी बल्कि छत्रपति शिवाजी सहित राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वालों को भी दंडित किया जाना चाहिए.
राम शिंदे (परिषद के अध्यक्ष)- सरकार को राष्ट्रीय प्रतीकों और छत्रपति शिवाजी के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

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