14 February
भारतीय टेनिस स्टार सुमित नागल अब अपने करियर की बेस्ट 98 रैंकिंग पर पहुंच गए हैं। एक इंटर्व्यू में सुमित नागल ने कहा है कि वो अब भी अपनी रैंकिंग से संतुष्ट नहीं हैं। सुमित का कहना है कि वो अपनी रैंकिंग में और सुधार करना चाहते हैं। सुमित ने कहा- ‘हर टेनिस खिलाड़ी टॉप 100 में शामिल होने का सपना देखता है। मैंने भी छोटी उम्र से ही ये सपना देखा था। अब ऐसा हुआ तो बहुत अच्छा लग रहा है। सालों तक काम करने के बाद ये मेरे लिए इमोशनल मूमेंट है।’
असली गोल ओलंपिक में जाना
सुमित नागल ने कहा- ‘उनका असली गोल ओलंपिक में जाना और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना है। ये मेरे करियर के बहुत से लक्ष्यों में से एक है। मैं ओलंपिक खेलना चाहता हूं और देश के लिए मैडल जीतना चाहता हूं। मुझे नहीं लगता कि इस पल को शब्दों में कैसे बयां करू। इस वक्त हर कोई रो रहा है। मेरे पास शब्द कम थे और आंसू ज्यादा। मैं अब भी बहुत भावुक हूं। पिछले साल मेरी रैंकिंग 500 थी, जिसके बाद मेरी सर्जरी हुई और फाइनेंशियल क्राइसिस भी रहा। इसलिए मेरे लिए पिछला साल काफी मुश्किलों भरा रहा।’ सुमित ने आगे कहा- ‘काफी उतार-चढ़ाव हुए। मैं खुश हूं कि हर दिन आगे बढ़ने के लिए मुझे एक मौका मिल पा रहा है’। आपको बता दें सुमित 2019 में प्रजनेश गुणेश्वरन के बाद ये मुकाम हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं।
कौन हैं सुमित नागल?
भारतीय प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर सुमित नागल का जन्म हरियाणा के झज्जर में 16 अगस्त 1997 को हुआ था। उनके पिता सुरेश नागल स्कूल टीचर हैं। सुमित को बचपन से ही टेनिस खेलने का शौक था। वो स्कूल के दिनों में भी टेनिस खेलते थे। 10 साल की उम्र में सुमित को महेश भूपति ट्रेनिंग एकेडमी के लिए चुना गया। इसी के बाद से सुमित ने टेनिस पर पूरा फोकस किया। सुमित ने साल 2015 में विंबलडन ब्वॉयज डबल्स टाइटल जीता था। नागल साल 2018 में भारत के डेविस कप स्क्वॉड का भी हिस्सा रहे। सुमित ने कनाडा और जर्मनी में भी ट्रेनिंग ली है।