Home Sports Paris Olympics 2024: डबल मेडल के साथ भारत लौटीं मनु भाकर, ढोल-नगाड़ों के साथ एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत, देखिए तस्वीरें

Paris Olympics 2024: डबल मेडल के साथ भारत लौटीं मनु भाकर, ढोल-नगाड़ों के साथ एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत, देखिए तस्वीरें

by Pooja Attri
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डबल मेडल के साथ भारत लौटीं मनु भाकर, ढोल नगाड़ों के साथ एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत, देखिए तस्वीरें

Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक खेलों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर बुधवार को स्वदेश पहुंच गईं.

07 August, 2024

Paris Olympics 2024 : स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक खेलों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद बुधवार को स्वदेश पहुंच गईं. वह आजादी के बाद ओलिंपिक के एडीशन में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. उत्तराखंड के पूर्व खेल मंत्री नारायण सिंह राणा ने कहा कि देश में पहली बार किसी खिलाड़ी ने एक ही ओलिंपिक में दो पदक जीता है. नारायण सिंह राणा दरअसल, मनु भाकर के कोच जसपाल राणा के पिता भी हैं.

ऐतिहासिक जीत

स्टार पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर मौजूदा पेरिस खेलों में अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद बुधवार को घर पहुंचीं, जहां वह स्वतंत्रता के बाद ओलिंपिक के एक ही वर्जन में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.

पेरिस से वापसी

भाकर को पेरिस से दिल्ली लाने वाली एयर इंडिया की सीधी उड़ान (एआई 142) पहले निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से सुबह करीब 9:20 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी.

वापसी का इंतजार

शहर में सुबह की बूंदाबांदी के बावजूद लगभग 100 लोग उनके आगमन से काफी पहले हवाई अड्डे पर इंतजार कर रहे थे. इनमें भाकर के माता-पिता-राम किशन और सुमेधा और भाकर के निजी कोच जसपाल राणा के गृह राज्य उत्तराखंड सहित पड़ोसी राज्यों के खेल प्रेमी और अधिकारी भी शामिल थे.

ऐसे हुआ स्वागत

एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों में राणा के पिता भी शामिल थे. लोग उनके आगमन से बहुत पहले हवाई अड्डे पर एकत्र हो गए और उन्होंने गीत और नृत्य, ढोल बजाकर, भाकर और राणा की तस्वीरों वाले बैनर लेकर भाकर की उपलब्धि का जश्न मनाया.

महिला ध्वजवाहक

भाकर शनिवार को पेरिस वापस जाएंगी और रविवार को पेरिस ओलिंपिक समापन समारोह में भारतीय दल की महिला ध्वजवाहक होंगी.

कांस्य पदक

22 वर्षीय भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता – जहां उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ जोड़ी बनाई थी और देश के लिए ओलिंपिक इतिहास रचा.

रजत पदक

उनसे पहले, ब्रिटिश-भारतीय एथलीट नॉर्मन प्रिचर्ड ने 1900 ओलिंपिक में 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में दो रजत पदक जीते थे, लेकिन यह उपलब्धि स्वतंत्रता-पूर्व युग में आई थी.

यह भी पढ़ें: भारत की उम्मीदों को झटका, सोना हुआ दूर; फाइनल से पहले विनेश फोगाट डिसक्वालीफाई

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