ISRO ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 लैंडर के उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मार्कर के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। बयान में कहा गया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने 12 दिसंबर, 2023 को परावर्तित संकेतों का सफलतापूर्वक पता लगाकर लेजर रेंज माप हासिल किया।
चंद्रयान-3 का विक्रम लेंडर अभी पूरी तरह से नाकाम नहीं हुआ है। यह अब दुनियाभर के मून मिशन के लिए मददगार साबित हो रहा है। दरअसल, इस पर लगा लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) चंद्रमा के साउथ पोल पर लोकेशन मार्कर के रूप में काम कर रहा है। 14 जुलाई को लॉन्चिंग के पहले ही चंद्रयान-3 पर नासा का LRA विक्रम लैंडर पर लगाया गया था। 20 ग्राम वजन वाला यह लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे अर्धगोलाकार है। इसमें 8 कोने हैं। यह एरे किसी भी परिक्रमा करने वाले अंतरिक्ष यान को अलग-अलग दिशाओं से लेजर के जरिए सिग्नल भेजता है।