1 February 2024
वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया है। पूजा का अधिकार दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद तहखाने में पूजा शुरू कर दी गई। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के मुताबिक रात करीब साढ़े 10 बजे व्यास तहखाना पूजा-पाठ के लिए खोला गया, और उसकी साफ-सफाई कराई गई। ट्रस्ट ने आगे कहा गया कि, ‘‘जैसा कि न्यायालय का आदेश था, उसका पालन करना भी जरूरी था। तो जिला प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी के साथ सारी व्यवस्था कर दी है। मुझे लगता है कि और जो भी कमी रह गई है उसे धीरे-धीरे पूरा कर लिया जाएगा।’’
स्थानीय लोगों का दावा
कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि, साफ सफाई के बाद तहखाने में लक्ष्मी-गणेश की आरती की गई है। जानकारी के मुताबिक इससे पहले रात करीब साढ़े नौ बजे काशी-विश्वनाथ ट्रस्ट के लोगों को बुलाकर नंदी महाराज के सामने लगी बैरिकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला गया।
मामले को लेकर सियासत तेज
कोर्ट के फैसले के कुछ ही घंटे बाद वहा पर पूजा शुरू कर दी गई। मामले को लेकर अब सियासत भी तेज हो रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर की गई अपनी पोस्ट में कहा कि, ‘‘किसी भी अदालती आदेश का पालन करते समय प्रक्रिया को बनाए रखना होगा। वाराणसी की अदालत ने इसके लिए 7 दिन का समय तय किया था।
अदालत का फैसला
वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में व्यास तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। हिंदू पक्ष के वकील के मुताबिक, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस तहखाने में साल 1993 तक पूजा-अर्चना होती थी, लकिन उसी साल मुलायम सिंह यादव सरकार ने इसे बंद करा दिया था।