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Martand Sun Temple: जम्मू-कश्मीर में होने जा रहा है 8वीं सदी के सूर्य मंदिर का पुनर्निर्माण

by Pooja Attri
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Martand Sun Temple: जम्मू-कश्मीर में होने जा रहा है 8वीं सदी के सूर्य मंदिर का पुनर्निर्माण

Sun Temple: मार्तंड सूर्य मंदिर को मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी या सिकंदर बुतशिकन के आदेशानुसार तोड़ दिया गया था. हालांकि, अनंतनाग में राजा ललितादित्य के दौर के कस्बे, खंडहर और कस्बे आसानी से देखने को मिल जाते हैं.

6 April, 2024

Martand Sun Temple Restore: 8वीं सदी के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर का जम्मू-कश्मीर में पुनर्निर्माण किया जाएगा. इसी से जुड़ी एक हाई लेवल मीटिंग 01 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में बुलाई गई. इस बात की जानकारी एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से जारी किया गया. ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर को सुल्तान सिकंदर शाह मीरी के आदेश से नष्ट कर दिया गया था.

जम्मू-कश्मीर सरकार की अधिसूचना के अनुसार, ‘संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने अनंतनाग में एक बैठक बुलाई है जिसमें मार्तंड सूर्य मंदिर के परिसर में सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड की मूर्ति की स्थापना के साथ कश्मीर में प्राचीन मंदिरों की सुरक्षा/संरक्षण/पुनर्स्थापना के संबंध में चर्चा की जाएगी. ये बैठक सचिवालय में प्रधान सचिव के ऑफिस में 1 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे के आसपास होगी.’

विशेषताएं

8वीं शताब्दी में हिंदू शासक ललितादित्य ने मार्तंड सूर्य मंदिर का निर्माण भगवान सूर्य देव के सम्मान में करवाया था. एक सूर्यवंशीय क्षत्रिय शासक थे ललितादित्य. यह मंदिर अपनी अद्वितीयता के लिए दुनियाभर में फेमस है. साथ ही मंदिर की विशेषता यहां की निर्माण शैली और डिजाइन्स हैं. मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है. इस मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि जिससे सूरज की किरणें पूरे दिन सूर्य भगवान की मूर्ति पर पड़ती हैं.

इतिहास

ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, मार्तंड सूर्य मंदिर को मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी या सिकंदर बुतशिकन के आदेशानुसार तोड़ दिया गया था. हालांकि, अनंतनाग में राजा ललितादित्य के दौर के कस्बे, खंडहर और कस्बे आसानी से देखने को मिल जाते हैं. अनंतनाग में बड़े मार्तंड मंदिर के अवशेष भी पाए गए हैं.

कौन थे ललितादित्य कर्कोटा?

राजा ललितादित्य कर्कोटा वंश से नाता रखते थे. उन्होंने 7वीं शताब्दी में कश्मीर पर शासन किया था. महाकाव्य राजतरंगिणी में इतिहासकार कल्हण ने ललितादित्य का उल्लेख किया है. हाल ही में अयोध्या से आए कलश को अनंतनाग के सूर्य मंदिर में स्थित राम मंदिर में स्थापित किया गया था.

यह भी पढ़ें: Nilkantheshwar Mahadev Temple: ये है देश का अनोखा मंदिर, जो 6 महीने रहता है पानी के अंदर

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