Happy Dussehra 2024: आज हम आपके लिए रावण के 5 अवगुण लेकर आए हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सभी बुराइयां आज लगभग हर इंसान में मौजूद हैं.
12 October, 2024
Happy Dussehra 2024: जब भी रामायण की बात होती है तो भगवान राम के साथ-साथ रावण का भी जिक्र होता है. जैसे प्रभु राम के बिना रामायण अधूरी है वैसे ही रावण के बिना भी रामायण का अस्तित्व नहीं है. भले ही रावण में कई खूबियां थी, लेकिन उनमें बुराई की भी कोई कमी नहीं थी. ऐसे में आज हम आपके लिए रावण के 5 अवगुण लेकर आए हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सभी बुराइयां आज लगभग हर इंसान में मौजूद हैं.
घमंड
घमण्ड एक ऐसा भाव जिसमें एक व्यक्ति दूसरों को खुद से हीन यानी नीचा समझे. रावण अपने आप को इतना शक्तिशाली समझता था कि बाकी सबको निर्बल और नीच मानता था.
द्वेष
द्वेष एक ऐसी भावना है जिसमें व्यक्ति किसी चीज या व्यक्ति के प्रति गहरी नफरत या दुख का भाव रखता है. सामान्य भाषा में कहा जाए तो द्वेष का अर्थ है किसी अन्य व्यक्ति को कष्ट में देखने की गहरी और अस्पष्ट इच्छा रखना.
पराई स्त्री पर नजर
रावण ने मां सीता का हरण किया था क्योंकि वह उनकी सुंदरता पर मोहित हो गया था. ऐसे में रावण ने एक पराई स्त्री पर बुरी नजर डाली. कहा जाता है कि जो व्यक्ति परस्त्री पर नजर डालता है उसका सर्वनाश तय होता है.
विस्तारवाद
विस्तारवाद एक ऐसी नीति है जिसमें राज्य या सरकार आर्थिक विकास, दयालु स्वभाव और सैन्य शक्ति के द्वारा अपना राज्यक्षेत्र (territory), शक्ति, समृद्धि या प्रभाव को बढ़ाते जाते हैं. रावण भी अपनी शक्ति के जरिए पूरे ब्रह्मांण को जीतना चाहता था.
बदले की भावना
बदले की भावना एक ऐसी भावना है जिसका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना है. यह भावना एक व्यक्ति के अंदर ठीक उसी प्रकार काम करती है- जैसे खाना खाकर भूख शांत हो जाती है. उसी प्रकार किसी से बदला लेकर व्यक्ति का हिंसक बर्ताव भी शांत हो जाता है.
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