14 February 2024
कवरत्ती में इकलौता हिंदू मंदिर मजहबी सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है। इस मंदिर में स्थापित भगवान श्री गणेश की मूर्ति एक पूर्व मुस्लिम सैनिक ने बनायी है। भगवान विनायक की ये मूर्ति कवरत्ती के मंदिर की शोभा बढ़ा रही है। आपको बता दें कि, पी आर चेरिया कोया ने अपने हाथों से बनी भगवान गणेश की मूर्ति कवरत्ती में स्थित मंदिर में दान दी है। खास बात ये है कि वहां 96 प्रतिशन आबादी मुस्लिम है। वहीं, पी आर चेरिया कोया एक आर्ट टीचर भी हैं। वो लक्षद्वीप में अन्दरोत आइलैंड में रहते हैं।
लोगों ने दिया खूब प्यार
अथॉरिटी ने कोया को आइलैंड पर माइनॉरिटी कम्यूनिटी की आस्था के लिए उनके योगदान को देखते हुए एक प्रमाण पत्र भी दिया है। वहीं, लगभग 80 साल के चेरिया कोया ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा-‘मैंने लोगों के प्रति अपने प्यार और सम्मान के कारण ऐसा किया। मैं केरल के कन्नौर और कोझीकोड में पला-बड़ा हूं। मैंने स्कूलों में पढ़ाई की और टीचर्स तथा लोकल लोगों ने मेरे धर्म की परवाह किए बगैर मुझे बहुत प्यार दिया।’
नहीं है पहली हिंदु मूर्ति
कोया द्वारा बनाई गई कवरत्ती के मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति पहली हिंदू मूर्ति नहीं है। इससे पहले भी वो अन्दरोत में तैनात मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों के लिए भगवान हनुमान की मूर्ति बना चुके हैं। इस बारे में बात करते हुए कोया ने कहा-‘ड्यूटी पर तैनात मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मी अपने खाली समय में वहां बैठकर भजन गाते और बातें करते थे। वहां पर पूजा का कोई स्थान नहीं था। इसलिए मैंने उनके लिए हनुमान जी की मूर्ति बनाई। इससे वो सभी बहुत खुश हुए। उन्होंने अपने सीनियर ऑफिसर्स को भी इसकी जानकारी दी।’
ताज़ा की पुरानी यादें
कोया ने पुरानी यादें ताजा करते हुए बताया- ‘जब मैं ऑफिशियली कवरत्ती आया तो यहां मिलिट्री वालों और हिंदू भाइयों ने मुझसे उनके लिए गणेश जी की मूर्ति बनाने का अनुरोध किया। चूंकि तब मैं सरकारी नौकर था तो मैंने उन्हें बताया कि मुझे अपने सीनियर ऑफिसर्स से इसके लिए परमिशन लेनी पड़ेगी। बाद में कलेक्टर, एडीएम, एसपी आए और उन्होंने मुझे लिखित में परमिशन दी।’ कोया ने बताया कि तब से उन्होंने हिंदू मूर्तियों के बारे में सीखना शुरू किया। उन्होंने कहा- ‘डिफेंस सर्विस के दिनों में मैंने असम के सिलचर में एक मंदिर के लिए श्री कृष्ण की लाइफसाइज़ मूर्ति बनायी थी।’
पुजारी भी याद करते हैं
कोया अपने इन कामों के लिए मिले सर्टिफिकेट को बहुत मूल्यवान बताते हैं। कवरत्ती के मंदिर में पुजारी और श्रद्धालु भी कोया के धर्मनिरपेक्ष रवैये को याद करते हैं। लक्षद्वीप के स्पेशल सेक्रेटरी शैलेंद्र सिंह ने कहा-‘ये अब बहुत पवित्र स्थान है। लक्षद्वीप के लोग बहुत अच्छे हैं। चेरिया कोया ने इसके लिए सबसे बड़ा योगदान दिया है जो इस मंदिर के विकास में भी बहुत अहम है।’ वहीं, मंदिर के पुजारी नित्यानंद त्रिपदी ने भी चेरिया कोया के योगदान के लिए उनका आभार जताया है।