Introduction
10 Famous Devi Temples in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं जो इसे फेमस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसमें देवी के मंदिर भी शामिल हैं. दिल्ली में स्थित ऐसे धार्मिक स्थल न सिर्फ पूजा, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के भी केंद्र माने जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको दिल्ली के 10 ऐसे फेमस देवी मंदिरों के बारे में बताएंगे, जो आपको शांति और अध्यात्म का एहसास कराएंगे. आइए जानते हैं दिल्ली में स्थित उन देवी मंदिरों के बारे में विस्तार से.
Table of Content
- झंडेवालान मंदिर
- कालकाजी मंदिर
- श्री शीतला माता मंदिर
- छतरपुर मंदिर
- गुफा मंदिर
- योगमाया मंदिर
- काली मंदिर
- श्री दुर्गा माता मंदिर
- नोएडा कालीबाड़ी
- पुरबाशा काली मंदिर
झंडेवालान मंदिर
दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है झंडेवालान मंदिर. मां दुर्गा या आदि शक्ति को समर्पित इस मंदिर का इतिहास मुगल काल से जुड़ा है. उस दौरान इस मंदिर में प्रार्थना के लिए झंडे (झंडे) चढ़ाने की प्रथा थी. इसी परंपरा को दर्शाते हुए इस मंदिर का नाम झंडेवालान रखा गया.
मंदिर की विशेषता: इस मंदिर की भव्य वास्तुकला आपका मन मोह लेती है. नवरात्रि के दौरान इस मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी के साथ सजाया जाता है, जिससे इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है. मंदिर के गर्भगृह में मां आदि शक्ति विराजमान हैं, जो वहां के वातारण को भक्ति और उत्साह से भर देती है.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि झंडेवालान मंदिर का एक भव्य उत्सव है. इस दौरान यहां विशेष पूजा, भक्ति गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं.
स्थान: यह मंदिर दिल्ली के झंडेवालान रोड पर स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां आप झंडेवालान मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
कालकाजी मंदिर
कालकाजी मंदिर दिल्ली के फेमस मंदिरों में से एक है. यह मंदिर मां कालकाजी को समर्पित है. इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से है, जो इसे पांडवों से जोड़ता है. यह मंदिर 1764 ई. में बनाया गया था.
मंदिर की विशेषताएं: इस मंदिर की पारंपरिक भारतीय वास्तुकला और नक्काशी बेहद मनमोहक है. मंदिर के गर्भगृह में मां कालकाजी एक गतिशील और शक्तिशाली रूप में विराजमान हैं, जो उनके उग्र और सुरक्षात्मक स्वभाव का प्रतीक है.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तजन और श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस दौरान मंदिर को फूलों को रोशनी से सजाया जाता है.
स्थान: यह मंदिर दिल्ली के कालकाजी में स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां पर आप कालकाजी मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
श्री शीतला माता मंदिर
श्री शीतला माता मंदिर एनसीआर गुड़गांव में स्थित है, जो शीतला माता को समर्पित है. शीतला माता को स्वास्थ्य और उपचार की देवी माना जाता है. यह मंदिर खासतौर पर बड़ी संख्या में नवरात्रि के दौरान भक्तों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है.
मंदिर की विशेषताएं: इस मंदिर में मन को मोहने वाली वास्तुकला, एक एक भव्य गर्भगृह और विशाल प्रार्थना कक्ष मौजूद है. इस मंदिर में भक्त दूर से ही पूजा और प्रार्थना कर सकते हैं, क्योंकि मां की मूर्ति के साथ सीधे संपर्क करने की अनुमति नहीं है.
नवरात्रि का अनुभव: यह मंदिर नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु और भक्तजनों के लिए पूजा का एक केंद्र बन जाता है. इस दौरान मंदिर को फूलों और रोशनी के साथ डेकोरेट किया जाता है. नवरात्रि उत्सव का माहौल इसे बेहद शानदार बनाता है.
स्थान: यह मंदिर (दिल्ली के पास) गुड़गांव में शीतला माता रोड पर स्थित है.
कैसे पहुंचें: शीतला माता मंदिर हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है.
छतरपुर मंदिर
छतरपुर मंदिर को आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर मां दुर्गा के रूप देवी कात्यायनी को समर्पित है. दिल्ली का यह मंदिर अपनी भव्यता और सबसे बड़े मंदिर परिसरों के लिए मशहूर है.
मंदिर की विशेषताएं: छतरपुर मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए फेमस है. इस मंदिर का विशाल प्रांगण और जटिल नक्काशीदार खंभे अपनी भव्य संरचना के लिए जाने जाते हैं.
नवरात्रि का अनुभव: इस मंदिर में नवरात्रि का उत्सव बहुत व्यापक और भव्य तरीके से मनाया जाता है. इस दौरान मंदिर को रंग-बिरंगे फूलो और रोशनी से सजाया जाता है. नवरात्रि के दौरान यहां कई कई अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
स्थान: छतरपुर मंदिर दिल्ली के छतरपुर में स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां पर आप छतरपुर मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
गुफा मंदिर
दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित गुफा मंदिर अपनी फा जैसी संरचना के लिए मशहूर है. यह मंदिर मां वैष्णो देवी को समर्पित है. इस मंदिर को जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर की नकल करके बनाया गया है. यह वैष्णो देवी मंदिर की याद दिलाता है जिससे एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव का एहसास होता है.
मंदिर की विशेषताए: गुफा मंदिर मंदिर में एक बड़ी गुफा बनी हुई है, जिसमें देवी चिंतपूर्णी, ज्वाला और कात्यायनी विराजमान हैं. मंदिर के रहस्यमय और शांत वातावरण को गुफा का वातावरण और बढ़ा देता है.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि के दौरान यहां भक्त देवी का आशीर्वाद और द्वितीय वातावरण का अनुभव करने आते हैं. उत्सव के दौरान की गई सजावट गुफा में एक आध्यात्मिक अनुभव पैदा करती है.
स्थान: गुफा मंदिर दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां आप प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
योगमाया मंदिर
योगमाया मंदिर का संबंध महाभारत काल से है. यह उस दौरान के बचे हुए 5 मंदिरों में से एक है. योगमाया मंदिर भगवान कृष्ण की बहन देवी योगमाया को समर्पित होता है. यह मंदिर ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से खास महत्व रखता है.
मंदिर की विशेषताएं: इस मंदिर की वास्तुकला ट्रेडिशनल इंडियन शैली को दर्शाती है. योगमाया मंदिर की मुख्य देवी योगमाया एक सुंदर गर्भगृह में विराजमान हैं. इस मंदिर में कई छोटे मंदिर और एक विशाल प्रांगण मौजूद हैं.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि के दौरान इस मंदिर को खूबसूरत रंगों और रोशनी के साथ सजाया जाता है. इस दिनों यहां विशेष अनुष्ठान और भक्ति गतिविधियों का आयोजन किया जाता है. नवरात्रि उत्सव में यह मंदिर भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
स्थान: योगमाया मंदिर दिल्ली के महरौली में स्थित है.
कैसे पहुंचें: योगमाया मंदिर तक कुतुब मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है.
काली मंदिर
काली मंदिर बंगाली समुदाय के एक प्रमुख मंदिरों में से एक है जो चित्तरंजन पार्क में स्थित है. यह मंदिर मां काली को समर्पित है जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है.
मंदिर की विशेषताएं: काली मंदिरमें बंगाल की पारंपरिक वास्तुकला, जटिल नक्काशी और टेराकोटा डिजाइन हैं. मंदिर के गर्भागृह में मुख्य देवी काली एक शक्तिशाली रूप में विराजमान हैं. यह मंदिर बंगाली समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर को बेहद शानदार तरीके से सजाया जाता है. इस दौरान यहां विशेष अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
स्थान: काली मंदिर दिल्ली के चितरंजन पार्क में स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां पर आप कैलाश कॉलोनी मेट्रो के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
श्री दुर्गा माता मंदिर
श्री दुर्गा माता मंदिर की स्थापना 1992 में की गई थी. यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है. यह दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है, जो दिल्ली के सर्वप्रिया विहार में एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में मौजूद है. श्री दुर्गा माता मंदिर अपने शांत वातावरण के लिए फेमस है.
मंदिर की विशेषताएं: मंदिर की वास्तुकला में भव्यता के साथ ही सादगी पर भी ध्यान दिया गया है. मंदिर का गर्भागृह बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया है , जहां मुख्य देवी मां दुर्गा विराजमान हैं. इस मंदिर में एक बड़े प्रार्थना रूम के साथ ही सामुदायिक सुविधाएं भी मौजूद हैं.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि उत्सव के दौरान श्री दुर्गा माता मंदिर का आकर्षण देखते ही मन मोह लेता है. इस दौरान मंदिर को तरह-तरह के फूलों और रोशनी के साथ सजाया जाता है. इसके साथ ही भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
स्थान: श्री दुर्गा माता मंदिर दिल्ली के सर्वप्रिया विहार में स्थित है.
कैसे पहुंचें: यहां पर आप हौज़ खास मेट्रो के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
नोएडा कालीबाड़ी
नोएडा क्षेत्र में स्थित कालीबाड़ी मंदिर की स्थापना 1983 में हुई थी. यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित दिल्ली के एक महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है. कालीबाड़ी मंदिर दुर्गा पूजा के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजनों में एक बड़ी भूमिका निभाता है.
मंदिर की विशेषताएं: नोएडा के कालीबाड़ी मंदिर में एक केंद्रीय गर्भगृह, विशाल प्रर्थना कक्ष और भक्तों के लिए कई सुविधाएं मौजूद हैं. इस मंदिर की वास्तुकला बंगाली समुदाय की सांस्कृतिक प्रथाओं का प्रतीक है.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि उत्सव के दौरान नोएडा का कालीबाड़ी मंदिर फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है. इन दिनों यहां खास पूजा, सामुदायिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
स्थान: नोएडा का कालीबाड़ी मंदिर उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है.
कैसे पहुंचें: नोएडा के कालीबाड़ी मंदिर आप नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं.
पुरबाशा काली मंदिर
पूर्वी दिल्ली में स्थित पूरबशा काली मंदिर बंगाली आध्यात्मिक गतिविधियों और सांस्कृतिक समारोहों का केंद्र है. यह मंदिर मां काली को समर्पित है.
मंदिर की विशेषताएं: इस मंदिर में पारंपरिक बंगाली वास्तुकला के जटिल डिजाइन और सजावट देखने को मिलती है. मंदिर के गर्भागृह में मुख्य देवी मां काली विराजमान है. इसके साथ ही यहां भक्तों के लिए कई सुविधाएं भी मौजूद हैं.
नवरात्रि का अनुभव: नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर को तरह-तरह के फूलों और रोशनी के साथ डेकोरेट किया जाता है. इसके साथ ही इन दिनों यहां खास अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
स्थान: पुरबाशा काली मंदिर पूर्वी दिल्ली में स्थित है.
कैसे पहुंचें: पुरबाशा काली मंदिर लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है.
Conclusion
दिल्ली में मौजूद ये देवी मंदिर आपको बेहतरीन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं. इन मदिरों की अनोखी वास्तुकला, सांस्कृतिक और इतिहास का खास महत्व है. यह मंदिर नवरात्रि के अवसर पर बेहद खूबसूरत नजर आते हैं. इस दौरान इन मंदिरों के दर्शन मन को शांति और सुकून का एहसास कराते हैं. साथ ही यह आपको दिव्य से जुड़ने और दिल्ली की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में खुद को डुबोने का भी अवसर प्रदान करते हैं.
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