Ambubachi Mela 2024: अंबुबाची पुरानी हिंदू परंपराओं में शामिल है. इस उत्सव के दौरान शादीशुदा महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और भलाई के लिए पूजा-पाठ करती हैं और अलग-अलग अनुष्ठानों में शामिल होती हैं.
23 June, 2024
Ambubachi Mela 2024: अम्बुबाची मेला पूर्वी भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है. यह कामाख्या मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है और हर साल जून के महीने में मनाया जाता है. इसी के चलते सैकड़ों हिंदू शादीशुदा महिलाएं शनिवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के लक्ष्मी-नारायण मंदिर में चार दिन के सालाना अंबुबाची उत्सव में शामिल हुईं. ये उत्सव खास तौर से गुवाहाटी के मशहूर कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है. इस उत्सव के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालु एक जैसे रीति-रिवाज और परंपरा निभाते हैं.
क्यों मनाया जाता है यह उत्सव?
श्रद्धालु पियाली पॉल ने बताया कि, ‘ये कामाख्या देवी के लिए खास दिन है. अगर हम वहां (कामाख्या मंदिर) नहीं जा पाते हैं, तो कम से कम हम लक्ष्मी-नारायण मंदिर में जाकर इस दिन (अंबुबाची) का जश्न मनाते हैं. हम इस दिन अपने पति, बच्चों और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करने और सिंदूर खेलने के लिए यहां आते हैं. ये दिन सभी महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि सभी अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं.’
उत्सव में शामिल होती हैं ये रस्में
इस उत्सव में कई पारंपरिक रस्में शामिल होती हैं. उत्सव के दौरान महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. एक और श्रद्धालु इश्मिता पॉल ने कहा, ‘सिंदूर खेलना सभी विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास है. अंबुबाची की सालाना रस्म शुरू हो गई है. लोग इसे मनाने के लिए यहां आते हैं.’ अगरतला के लक्ष्मी-नारायण मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ अंबुबाची के लिए लोगों की आस्था को दर्शाता है. साथ ही ये हर सीमा से परे हिंदू विवाहित महिलाओं के गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्ते को भी दर्शाता है.
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