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Amarnath Yatra 2024: आखिर क्यों करते हैं लोग अमरनाथ की कठिन यात्रा? जान लीजिए महत्व

by Pooja Attri
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Amarnath Yatra 2024: आखिर क्यों करते हैं लोग अमरनाथ की कठिन यात्रा? जान लीजिए महत्व

Amarnath Temple: हर साल लाखों भक्त और श्रृद्धालुजन अमरनाथ की कठिन यात्रा पर जाते हैं. यहां पर प्राकृतिक रूप से बना शिवलिंग है जिसका लोग दर्शन करने आते हैं. बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ की यात्रा बहुत कठिन मानी जाती है.

20 April, 2024

Importance of Amarnath Yatra: अमरनाथ हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों स्थलों में से एक है जो समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. हर साल लाखों भक्त और श्रृद्धालुजन अमरनाथ की कठिन यात्रा पर जाते हैं. यहां पर प्राकृतिक रूप से बना शिवलिंग है जिसका लोग दर्शन करने आते हैं. बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ की यात्रा बहुत कठिन मानी जाती है, फिर भी भक्त और श्रृद्धालुजन यहां दर्शन करने पहुंचते हैं, चलिए जानते हैं अमरनाथ यात्रा से व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है.

इसलिए करते हैं यात्रा

पौराणिक मान्यतानुसार, अमरनाथ की इसी गुफा में भोलनाथ द्वारा पार्वती मता को अमरत्व का का रहस्य बताया गया था. हिंदू धर्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि जो भक्त इस पवित्र गुफा में बने बर्फ के शिवलिंग का सच्चे मन से दर्शन करता है, उसके सारे पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष प्राप्त होता है. इसके अलावा इस पवित्र धा की यात्रा मात्र से 23 तीर्थों के दर्शन के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

महत्व

धार्मिक ग्रंथों द्वारा अमरनाथ की यात्रा और दर्शन का इतना महत्व बताया गया है कि इससे प्रयाग से सौ गुना, नैमिषारण्य तीर्थ से हजार गुना और काशी में लिंग दर्शन से दस गुना अधिक अमरनाथ के दर्शन करने से मिलता है. इसके साथ ही इश यात्रा को करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इसी वजह से यहां आए भक्तजन पूरे भक्तिभाव से इस कठिन यात्रा को करके बाबा बर्फानी के दर्शन करते हैं. अमरनाथ यात्रा से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है.

यात्रा का समय

अमरनाथ की यात्रा इस साल 29 जून से शुरू हो रही है जो 19 अगस्त को समाप्त होगी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ये यात्रा आषाढ़ मास से आरंभ होकर श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन तक चलती है.

अमरनाथ की विशेषताएं

अमरनाथ में मौजूद शिंवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के चरणों पर आधारित होती है इसलिए इसकी ऊंचाई हमेशा घटती और बढ़ती रहती है. चंद्रमा की घटती कलाओं के साथ शिंवलिंग कम होकर गायब हो जाता है और बढ़ती कलाओं के साथ शिंवलिंग बढ़ता है. अमरनाथ में हिमलिंग के साथ-साथ सती माता के शक्तिपीठ के दर्शन भी होते हैं. ऐसा अद्भुत संयोग अमरनाथ के अलावा कहीं और देखने को नहीं मिलता. अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के बिल्कुल पास ही मां पार्वती और गणेश भगवान की प्रतिमा भी बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन हुए शुरू, यहां जान लीजिए पूरा प्रोसेस

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