Gujarat News: गुजरात की एक हस्तशिल्पकार निमुबेन अहीर ने 100 से ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट का काम सिखाया. निमुबेन के इस पहल से उन महिलाओं का जीवन पहले से काफी बेहतर हो गया है.
11 July, 2024
Gujarat News: गुजरात के कच्छ जिले की हस्तशिल्प कारीगर निमुबेन अहीर ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए खास पहल की. उन्होंने अपने समुदाय की 100 से ज्यादा महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट का काम सिखाया. निमुबेन के इस कदम से उनका जीवन काफी हद तक बदल गया है. निमुबेन ने उन महिलाओं को शीशे से सजावट के काम का प्रशिक्षण दिया. अब निमुबेन के साथ 120 महिलाएं काम करती हैं. उनके बनाए गए प्रोडक्ट्स ‘अहीर आर्ट हैंडीक्राफ्ट’ के बैनर तले बेचे जाते हैं. इससे उन्हें काफी मुनाफा होता है.
ऐसे हुई थी इस काम की शुरुआत
निमुबेन ने बहुत छोटे स्तर से अपने काम की शुरुआत की. धीरे-धीरे उन्होंने अपने काम को बढ़ाया. अब निमुबेन सरकारी योजनाओं की मदद से जिले के बाहर भी अपने प्रोडक्ट्स को बेच पाती हैं. निमुबेन अहीर के साथ काम करने वाली एक सहयोगी का कहना है कि हम लोगों ने बहुत छोटे लेवल से स्टार्ट किया था, इसलिए स्टार्टिंग में हमारे साथ बहुत कम लेडीज थी. हम लोगों ने 70 रुपये में एक ब्लाउज बनाने की शुरुआत की. अब यह काफी महंगा बिकता है. इसके बाद हस्तकला सेतु योजना का हमने कार्ड बनवा लिया. इस कार्ड के जरिए हमें काम की जानकारी के साथ-साथ फ्री एग्जीबिशन्स में भी जाने के मौके मिलते हैं.
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विदेशों में भी पहुंच चुका है अहीर आर्ट
बता दें कि, अहीर आर्ट हैंडीक्राफ्ट में बनी मूर्तियों को ऑनलाइन भी बेचा जाता है. इससे इनकी पहुंच दुनिया के कई देशों तक हो गई है. वहां काम करने वाली आर्टिस्ट राधा अहीर ने बताया कि हमारे साथ 120 महिलाएं जुड़ी हुई है. हमारा यह ब्रांड ‘अहीर आर्ट’ विदेशों में भी पहुंच चुका है. हमारा ब्रांड इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी है. हमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से कई सारे ऑर्डर आते हैं. यहां से हमें जैसे ही ऑर्डर मिलता है, इसके बाद हम बनाकर भेज देते हैं और टाइम पर पेमेंट भी मिल जाता है.
काम को मिला सरकार का सपोर्ट
निमुबेन के काम में उनके पति भरत अहीर भी पूरी मदद करते हैं. उनका कहना है कि वह अपने प्रोडक्ट के लिए नए बाजार ढूंढने में कामयाब हुए हैं क्योंकि सरकार का फोकस ईको फ्रेंडली आइटम्स को बढ़ाने पर है. सेल्स मैनेजर और निमुबेन के पति भरत अहीर ने बताया कि गवर्नमेंट ने एक अच्छा प्लेटफॉर्म दिया है. इस वजह से आज हम बाहर निकलकर सेल कर पाते हैं. हमें केंद्र सरकार का बहुत सपोर्ट मिला. आज से 15 साल पहले कच्छ में कुछ नहीं था. बाहर निकलकर सेल नहीं कर सकते थे. आज हर जगह एग्जीबिशन ट्रेड का आयोजन होता है.
इस पर खुद निमुबेन का कहना है कि वह अपनी जैसी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरी हैं. वह चाहती हैं कि उनका काम ऐसे ही फलता-फूलता रहे ताकि अपने समाज की युवा लड़कियों को इससे जोड़ा जा सके. उनके इस काम से मिरर-वर्क हस्तकला तो जिंदा रहेगी ही, इससे जुड़ने वाले लोग भी आत्मनिर्भर बनेंगे.
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