Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली जिले में एक अनुसूचित जाति के परिवार का केवल इसलिए बहिष्कार कर दिया गया, क्योंकि इस समुदाय का एक व्यक्ति बीमार होने के कारण मंदिर में ढोल बजाने नहीं आ पाया.
18 July, 2024
Uttarakhand News : उत्तराखंड के चमोली में एक अनुसूचित जाति के परिवार का केवल इसलिए बहिष्कार कर दिया गया, क्योंकि इस समुदाय का एक व्यक्ति बीमार होने के कारण मंदिर में ढोल बजाने नहीं जा पाया था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह पूरा मामला भारत-चीन सीमा के पास नीति घाटी में मौजूद सुभाई गांव का है. 14 जुलाई को यहां एक पंचायत बुलाई गई और फिर गाव में मौजूद सभी दलित परिवारों के बहिष्कार करने का फैसला सुना दिया गया. इसके बाद दलित परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. एफआईआर में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है.
पीढ़ियों से ढोल बजाने का कर रहे काम
इस गांव में लगभग 6 अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं, जो पीढ़ियों से गांव में सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहारों पर ढोल बजाने का काम कर रहे हैं. जब पुष्कर लाल नामक व्यक्ति बीमारी के कारण एक धार्मिक कार्यक्रम में ढोल बजाने नहीं जा सका तो पूरे समुदाय का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया. इसके साथ ही पंचायत ने यह भी कहा कि अगर किसी ने भी यह आदेश नहीं माना तो उसे भी इसी तरह के परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है.
सामाजिक बहिष्कार का क्या है मतलब
अनुसूचित जाति के परिवारों को गांव में जंगल और जल संसाधनों का उपयोग करने से रोक दिया गया है. इसके साथ ही वो किसी भी दुकान से सामान नहीं खरीद सकते, वाहनों में नहीं सवार हो सकते और मंदिरों में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया है. इस आदेश के बाद परेशान होकर पीड़ित परिवारों ने जोशीमठ पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज कराया.
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