UP By Elections 2024 : उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर सबकी नजरें टिकी हुई है. इस उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती सबकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.
UP By Elections 2024 : झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है. 15 जिलों की 43 सीटों पर मतदान हो रहा है. इसके साथ ही 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा. केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. लेकिन सबकी नजरें उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हुई है. इस उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती सबकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.
कई दिग्गजों की साख दांव पर
उपचुनाव को वैसे तो बहुत ही कम गंभीरता से लिया जाता है. इसे सत्ताधारी पार्टी का एकतरफा खेल माना जाता है. लेकिन यूपी उपचुनाव में खेल ही कुछ और है, यह अपने आप में ही विशेष है. कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा का सवाल है. यूपी में विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, जो कि अभी बहुत दूर है लेकिन इस उपचुनाव को सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है. यहीं कारण है कि सभी ने अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
योगी आदित्यनाथ के हाथों में पूरा दारोमदार
लोकसभा चुनाव 2024 में BJP की सीटें यूपी में कम हो गई थी, लेकिन इसका जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ को नहीं ठहराया जा सका. जिसका कारण यह है कि लोकसभा चुनाव में BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हिसाब से मैदान में कैंडिडेट उतारे, सारी रणनीति भी खुद बनाई तो फिर हार की जिम्मेदारी भी केंद्रीय नेतृत्व पर आई. लेकिन इस उपचुनाव में हर फैसला योगी आदित्यनाथ ले रहे हैं, इसका पूरा दारोमदार उन्हीं के हाथों में है. उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति सब कुछ उन्हीं के हाथों में हैं. ऐसे में BJP इस बार जीत के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं कर सकती है. इस उपचुनाव को योगी आदित्यनाथ की पकड़ के तौर पर देखा जा रहा है.
लोकसभा चुनाव की जीत का श्रेय किसको मिलेगा
लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को बड़ी जीत मिली थी, लेकिन इसका श्रेय किसको दिया जाए, यह अब तक तय नहीं हो सका है. जहां एक तरफ कांग्रेस को लगता है कि राहुल गांधी के द्वारा संविधान और आरक्षण का मुद्दा उठाने के कारण जीत मिली है तो समाजवादी पार्टी का कहना है कि अखिलेश यादव के पीडीए का मुद्दा उठाने के कारण जीत मिली है. ऐसे में इस उपचुनाव में दोनों की ही साख दांव पर लगी हुई है. अगर इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ज्यादा सीटें जीतने में सफल रहती है तो लोकसभा चुनाव की जीत का श्रेय अखिलेश यादव को जाएगा. लेकिन अगर समाजवादी पार्टी को जीत नहीं मिलती है तो कांग्रेस यही कहेगी कि लोकसभा चुनाव की सफलता राहुल गांधी की जीत थी.
गैर जाटव वोट बैंक में लगी सेंध
पिछले कुछ चुनावों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. 2014, 2019 और 2014 के लोकसभा चुनावों और 2012, 2017 और 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा है. गैर जाटव वोट बैंक पहले ही उनका साथ छोड़ चुका है और अब कोर जाटव वोट बैंक भी उनसे अलग होता नजर आ रहा है. ऐसे में इस चुनाव में मायावती कुछ बेहतर करने की कोशिश कर रही हैं यह दिखाने के लिए कि अभी उनकी धार कमजोर नहीं हुई है.
यूपी की जनता करेगी फैसला
इन सभी दिग्गजों की किस्मत का फैसला जनता करेगी. किसकी इज्जत बचेगी और किसकी मिट्टी पलीद होगी यह तो चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद ही पता चलेगा. बता दें कि यूपी की 9 सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होगा. इसके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. ऐसे में BJP के साथ साथ समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी ने कमर कस ली है.
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