Sambhal Controversy : संभल में हिंसा के बाद पहली बार न्यायिक आयोग घटनास्थल पर पहुंचा. जहां पैनल ने मीडिया के सवालों का तो जवाब नहीं दिया लेकिन घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया.
Sambhal Controversy : उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के बाद हुई हिंसा की जांच करने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायिक आयोग (Judicial Commission) के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे. पैनल में इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन समेत तीन लोग शामिल थे. न्यायिक आयोग के पैनल ने हिंसा वाले इलाकों का निरीक्षण किया, इस दौरान पूर्व आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद पैनल के साथ नहीं गए थे.
एक बार और करेगा कमीशन निरीक्षण
पैनल के सदस्यों ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. इसके बाद मुरादाबाद के मंडलायुक्त ने कहा कि रविवार को जांच आयोग के अध्यक्ष और एक अन्य सदस्य ने घटनास्थल दौरा किया. उनका मुख्य उद्देश्य था कि जिस जगह पर हिंसा हुई वहां पर बारीकी से निरीक्षण किया जाए. इसके अलावा कमीशन के सदस्यों ने शाही मस्जिद का भी दौरा किया और जांच पड़ताल की. साथ ही पैनल एक बार फिर घटनास्थल का दौरा कर सकता है.
DM का 10 दिंसबर तक प्रभावी रहेगा आदेश
हिंसा के बाद संभल जिले के कई इलाकों में शांति स्थापित हो गई है और दो दिनों पहले इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गई थी. फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट के आदेश 10 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद जिले की स्थिति सामान्य हो जाएगी. वहीं, मस्जिद के सचिव मसूद फारूकी ने कहा कि टीम ने हमसे कुछ नहीं पूछा, वह लोग बस मस्जिद देखने आए थे और इसका पूरा निरीक्षण किया. बता दें कि संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद 24 नवंबर, 2024 को एक टीम सर्वेक्षण करने पहुंचीं और उसके बाद संभल में हिंसक भड़क उठी. इस घटना में 4 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सर्वेक्षण में एक याचिका से जुड़ा हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद जिस स्थल पर बनी हैं वहां पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.
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