बजट में अवस्थापना विकास हेतु 22 प्रतिशत, शिक्षा हेतु 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं हेतु 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किए गए हैं.
lucknow: बजट में अवस्थापना विकास हेतु 22 प्रतिशत, शिक्षा हेतु 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं हेतु 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा बजट में शोध एवं विकास तथा सूचना प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दिया गया है.विधान सभा को आधुनिक आईटी सिस्टम्स से लैस करने के लिये बजट में विशेष रूप से व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. योगी सरकार ने बजट में मेडिकल कॉलेज की भी सौगात दी.
वित्तमंत्री ने बताया कि बलिया और बलरामपुर में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. बलिया में मेडिकल कॉलेज के लिए 27 करोड़ जबकि बलरामपुर के लिए 25 करोड़ की व्यवस्था की गई है. सदन में बजट पेश करते समय वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस वर्ष परम पावन तीर्थनगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का भव्य आयोजन हो रहा है.
बजट के दौरान वित्तमंत्री ने महाकुंभ के भी महत्व को बताया
कहा कि हम सभी जानते हैं कि महाकुम्भ 144 वर्षों में आता है. यह सम्पूर्ण भारत देश और पूरे विश्व के लिये परम सौभाग्य का विषय है कि हम अपने जीवनकाल में आस्था, संस्कृति और मानवता के समागम के इस महापर्व के भागी बन सके. कुम्भ का वर्णन ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में मिलता है. यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक एवं धार्मिक अक्षुण्णता का परिचायक है. कहा कि कुम्भ मात्र एक धार्मिक, सांस्कृतिक मेला ही नहीं है, यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना भी है. प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुम्भ के विषय में पुराणों का यह श्लोक मैं पढ़ना चाहूंगाः
“मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ।
अमावस्या तदा योगः कुम्भख्यस्तीर्थ नायके ।।
अर्थात बृहस्पति मेष राशि में तथा चन्द्र और सूर्य मकर राशि में जब आते हैं और अमावस्या तिथि हो तो तीर्थो के नायक प्रयाग में कुम्भयोग होता है. कहा कि महाकुम्भ में देश-विदेश से आये लगभग 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया.
कहा कि नीति आयोग भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2022-2023 तक की अवधि के लिये राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है, जिसमें उत्तर प्रदेश को अग्रणी (फंट रनर) राज्य की श्रेणी में रखा गया है. उन्होंने कहा कि डेटा से स्पष्ट है कि
● समेकित “फिस्कल हेल्थ इन्डेक्स” जो वर्ष 2014 से 2019 की अवधि में 37.0 था, 2022-2023 में बढ़कर 45.9 हो गया है.
● रिपोर्ट के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है. वर्ष 2018 से 2023 की अवधि में पूंजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा.
● इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा.
● सामाजिक क्षेत्र में पूंजीगत व्यय में 27 प्रतिशत तथा राजस्व व्यय में 9 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हुई. इसी प्रकार, आर्थिक सेवाओं के अन्तर्गत भी पूँजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि परिलक्षित हुई.
● वित्तीय वर्ष 2018-2019 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर व्यथ कुल व्यय का 4.9 प्रतिशत था जो वर्ष 2022-2023 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक था.
● प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा है.
● राजस्व बचत तथा प्राथमिक बचत के कारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में ऋणग्रस्तता में कमी दर्ज की गयी.
● भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्यों के बजट के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिन्दु में इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूंगा.
● देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में क्रमशः 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत एवं 11.6 प्रतिशत रहा जो महाराष्ट्र के उपरान्त देश में सर्वाधिक है.
● उक्त वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्तियों के सापेक्ष ब्याज पर व्यय क्रमशः 12.6, 12.3 एवं 12.1 प्रतिशत रहा जबकि उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत 10.3, 9.4 एवं 8.9 रहा.
● सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सभी राज्यों की स्वयं के कर से प्राप्ति का औसत उक्त वर्षों में क्रमशः 6.5, 7.0 तथा 7.2 प्रतिशत रहा, जब कि उत्तर प्रदेश में यह अनुपात क्रमशः 7.6, 9.8 तथा 10 प्रतिशत रहा.
पिछले बजट से इस बार का बजट 9.8 प्रतिशत अधिक
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रस्तुत बजट 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये का है जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है.
● बजट में पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है.
● पूंजीगत परिव्यय के अन्तर्गत अवसंरचना निर्माण, विस्तार और निवेश संबंधी व्यय आते हैं.
● उद्योग, आवागमन, उत्पादों की बाजार तक पहुंच तथा प्रदेश में पूंजी निवेश को आकर्षित करने जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में पूँजीगत व्यय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है.
सूबे में बनेंगे साइंस सिटी और विज्ञान पार्क
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रदेश में साइंस सिटी, विज्ञान पार्कों और नक्षत्रशालाओं की स्थापना एवं नवीनीकरण की कार्ययोजना बनाई जा रही है. जिससे छात्रों को विज्ञान के सबारे में अदिक से अधिक जानकारी मिल सके. इसके अलावा प्रदेश को आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने हेतु “आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी” की स्थापना तथा साईबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क की स्थापना की नई योजना बजट में सम्मिलित की गई है.
सूबे में राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लासेज तथा पूर्णतया डिजिटल लाईब्रेरी की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गयी है.आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को बढ़ावा देने हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना प्रस्तावित की गई है.प्रदेश में साइंस सिटी, विज्ञान पार्कों और नक्षत्रशालाओं की स्थापना एवं नवीनीकरण की कार्ययोजना बनाई जा रही है.
नगर निगमों के साथ 58 जिला मुख्यालय बनेंगे स्मार्ट
नगर निगमों के अलावा प्रदेश के जनपद मुख्यालय के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित किया जाएगा. इसका बजट में प्रावधान किया गया है.इस हेतु प्रति नगर निकाय के लिये 2.50 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 145 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
उत्तर प्रदेश में अब नहीं रहेगा कोई गरीब
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर, 2024 से ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ शुरू किया गया है.इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुये उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने और उनकी वार्षिक आय कम से कम 1,25,000 रुपये के स्तर तक लाए जाने के लिए सरकार काम कर रही है.
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लखनऊ से राजीव ओझा की रिपोर्ट