Gorakhpur News : दीवाली 2024 से पहले ही गोरखपुर का टेराकोटा (Terracotta) बजारों में बड़ी तेजी से बिक रहा है, जिसे लेकर प्रदेश के व्यापारियों में काफी उत्साह देखा जा सकता है.
Gorakhpur Terracotta Demand : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिए साल 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद (ODOP) में शामिल किए जाने के बाद इससे जुड़े शिल्पकारों के दिन बदल गए हैं. टेराकोटा जिला के ODOP में शामिल होने से पहले दम तोड़ रहे इन शिल्पकारों की धूम अब पूरे देश में हुई है. शिल्पकारों के पास काम इतना है कि सांस लेने की फुर्सत नहीं है.
नवरात्र 2024 से पहले ही देखने को मिली धूम
आपको बता दें कि साल दर साल टेराकोटा उत्पादों की बढ़ रही मांग के बीच शिल्पकारों की कारोबारी नवरात्र 2024 से पहले ही जगमग हो चुकी थी. देश के अलग-अलग राज्यों में करीब 30 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की सप्लाई करने के बाद गोरखपुर के शिल्पकार दिवाली के लिए स्थानीय बाजार के लिए उत्पादों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं.
किन राज्यों में हो रहा है उत्पाद?
दशहरा और दीवाली को लेकर गोरखपुर के टेराकोटा (Gorakhpur Terracotta Demand) उत्पादों की मांग में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हुआ है, जिससे व्यापारियों की भी चांदी हुई है. त्योहारी डिमांड की सप्लाई शिल्पकारों के जरिए नवरात्र के पहले ही शुरू की जा चुकी है. दशहरा और दिवाली के खास मौके पर भी गोरखपुर के बजारों में इसकी धूम देखने को मिल रही है. स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि 15 ट्रक उत्पादों की सप्लाई हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, लखनऊ और राजस्थान के शहरों में की जा रही है.
शिल्पकारों में उत्साह
शिल्पकारों का कहना है कि सीएम योगी के सत्ता में आने से पहले टेराकोटा शिल्पकारों के पास क्षमता तो थी लेकिन शासन के प्रोत्साहन और उचित प्लेटफार्म की कमी से इसका दायरा और कम होता जा रहा था. मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम योगी ने साल 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया और फिर तबसे यह शिल्प नई ऊंचाई को छू रहा है.
क्या है ODOP?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना ODOP (One District One Product) है, जिसके तहत प्रत्येक जिले को एक खास उत्पाद के लिए जाना जाता है. इस योजना का मकसद स्थानीय कौशल और शिल्प को विकसित और संरक्षित करना, और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना होता है. आपको बता दें कि यह योजना सीएम योगी आदित्यानाथ के जरिए गोरखपुर में साल 2018 में शुरू की गई थी.
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