Firozabad Temple Update: दो दिन पहले फिरोजाबाद के पुराना रसूलपुर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जीर्णशीर्ण शिव मंदिर मिला था. रामगढ़ में भी एक 60 साल पुराना मंदिर चर्चाओं में है.
Firozabad Temple Update: उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्राचीन मंदिरों की खोज जारी है. इसी क्रम में एक दिन पहले फिरोजाबाद में दो मंदिर मिले थे. अब अधिकारियों ने बुधवार को इन दोनों ही मंदिरों की खोदाई शुरू कर दी है. पहला मंदिर करीब 35 सालों से बंद बताया जा रहा है. वहीं, दूसरा मंदिर 60 साल पुराना बताया जा रहा है. खोदाई को लेकर हिंदू संगठनों का दावा है कि अब इन मंदिरों के छिपे कई राज बाहर आ सकते हैं.
मंदिर के अंदर मिली थी हनुमानजी की मूर्ति
दरअसल, दो दिन पहले फिरोजाबाद के पुराना रसूलपुर के बाहुल्य क्षेत्र में जीर्णशीर्ण शिव मंदिर मिला था. मंदिर मिलने के बाद हिंदू संगठनों ने उसपर लगा ताला तोड़ दिया था. हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि यह घर पहले किसी हिंदू परिवार का था, जिसे 35 साल पहले मुस्लिम परिवार को बेच दिया गया. इसके बाद से ही इसमें ताला लगा दिया गया था. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि जीर्णशीर्ण शिव मंदिर में से प्रतिमाओं को भी हटा दिया गया.
अब हिंदू संगठनों ने फिर से देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करने की मांग रखी है. मंदिर के अंदर एक दीवार के सहारे दो फुट की हनुमानजी की मूर्ति पाई गई. वहीं, कुछ टाइल्स पर देवी-देवताओं के चित्र भी लगे मिले हैं. गौरतलब है कि मंदिर में लगी पट्टिका में लिखा है कि इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 2020 में कराया था. वहीं, रसूलपुर क्षेत्र के बाद अब रामगढ़ थाना क्षेत्र में भी एक 60 साल पुराना एक मंदिर चर्चाओं में है. हिंदूवादी संगठनों के नेताओं का दावा है कि मोहम्मदी मस्जिद के पास स्थित इस मंदिर में कई पुरानी मूर्तियां जमीन के नीचे दबी हो सकती हैं.
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मुस्लिम प्रतिनिधियों से पुलिस ने किया संपर्क
बता दें कि पुलिस की निगरानी में दोनों ही मंदिरो में खोदाई का काम जारी है. यह खोदाई हिंदू संगठनों की अपील पर की जा रही है. पुलिस के मुताबिक अधिकारियों ने खोदाई से पहले स्थानीय मुस्लिम प्रतिनिधियों से संपर्क किया था. रसूलपुर के स्टेशन ऑफिसर अनुज कुमार सिंह ने बताया कि हिंदू संगठनों की अपील के बाद दोनों समुदायों से बातचीत के बाद काम शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हो गया.
बजरंग दल के जिला प्रमुख मोहन बजरंगी ने कहा कि खोदाई पूरी होने के बाद मूर्तियों और कलाकृतियों के बारे में जानकारी मिल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि रसूलपुर में मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद कई हिंदू परिवार इस स्थान को छोड़कर चले गए. रामगढ़ SHO संजीव दुबे ने भी बताया कि आज से करीब 50 साल पहले यह इलाका हिंदू बहुल था और यहां मंदिर थे. अब यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है. खोदाई का काम चल रहा है और क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिल रहा है.
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