Uttarakhand News: नैनीताल के रहने वाले सचिंद्र बिष्ट के जज्बे को सलाम है. उन्होंने बीमारी के चलते हाथ कटने के बाद भी अपने जीवन में हार नहीं मानी और कोहनी से पेंटिंग बनाकर दुनियाभर में अपना नाम किया.
05 July, 2024
Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले सचिंद्र बिष्ट ने एक बीमारी के चलते अपने हाथ गंवा दिए थे. इसके बाद भी उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी. सचिंद्र ने जीवन के इस दुखद मोड़ के बाद भी अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दी. उनकी कहानी जितनी दर्दनाक है उतनी ही प्रेरणादायक भी है. उन्होंने कैनवास पर कई शानदार पेंटिंग बनाई हैं. सचिंद्र बिष्ट बहुत बेहतरीन पेंटिंग्स बनाते हैं. उनकी बनाई पेंटिंग देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है और पेंटिंग के खरीदार भी आते रहते हैं.
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इस बीमारी के चलते काटने पड़े हाथ
एक इंटरव्यू में सचिन्द्र बिस्ट ने कहा कि ‘मुझे तेज बुखार था जिसके कारण मैं अस्पताल में भर्ती हुआ. मेरे तमाम अंग ढीले पड़ गए और मेमोरी लॉस भी हो गया. परिजन तत्काल मुझे दिल्ली ले गए. लेकिन सेप्टीसीमिया के कारण मेरे अंगों ने काम करना बंद कर दिया. लंबे समय तक अस्पताल में रहने के बावजूद मेरे शरीर में गैंग्रीन फैल गया. डॉक्टरों ने कहा कि जीवन बचाने के लिए मेरे दोनों हाथ और पैरों की सारी उंगलियां काटनी पड़ेंगी.’
विदेशों में भी पेंटिंग की डिमांड
सचिंद्र बिष्ट ने बताया कि उन्होंने जीवनयापन के लिए कटे हाथों की कोहनी से ब्रश का इस्तेमाल किया और पेंटिंग का काम करना शुरू कर दिया. अब तक वह दर्जनों पेंटिंग बना चुके हैं, जिन पर लोग भर-भरकर प्यार बरसा रहे हैं. उनकी बनाई पेंटिंग की डिमांड विदेशों में भी की जा रही है.
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