Maharashtra Politics: ‘ऑर्गनाइजर’ के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) से संबद्ध रखने साप्ताहिक पत्रिका ‘विवेक’ ने भी लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए हैं.
17 July, 2024
Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीद से कम सीटें लाने पर उसकी लगातार आलोचना हो रही है. इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) से संबद्ध रखने वाली एक मराठी साप्ताहिक पत्रिका ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) को भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसमें कहा गया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी से हाथ मिलाने के बाद जनता की भावनाएं पूरी तरह से भगवा पार्टी के खिलाफ हो गईं और इसके परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सीटें कम आईं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका विवेक ने मुंबई, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के 200 से अधिक लोगों के अनौपचारिक सर्वेक्षण पर आधारित एक लेख प्रकाशित किया है। इसमें लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार के पीछे के कारणों का उल्लेख किया गया है.
BJP में असंतोष की स्थिति
साप्ताहिक पत्रिका के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों और अन्य लोगों का मानना है कि वह पार्टी के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ हाथ मिलाने के कदम को स्वीकार नहीं करते. इससे BJP में असंतोष की स्थिति है. इसमें यह भी कहा गया है कि निर्णय लेने और शासन में समन्वय और पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए गए महत्व के चलते मध्य प्रदेश में BJP ने लोकसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की.
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23 से घटकर 9 रह गईं BJP की सीटें
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में BJP की सीटों की संख्या 23 से घटकर 9 रह गई. वहीं, सहयोगी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 7 सीटें जीतीं, जबकि महायुति के एक अन्य घटक अजीत पवार की एनसीपी को केवल एक सीट ही मिल सकी. उधर, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA), जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस ने 48 में से 30 सीटें जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया.
कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं NCP से गठबंधन
पत्रिका के मुताबिक, BJP अथवा RSS से जुड़े करीब-करीब प्रत्येक व्यक्ति का कहना है कि BJP का एनसीपी (अजित पवार के नेतृत्व वाली) के साथ गठबंधन करना मंजूर नहीं है. इस लेख को लिखने से पहले 200 से अधिक उद्योगपतियों, व्यापारियों, डॉक्टरों, प्रोफेसरों और शिक्षकों के साथ बातचीत की गई. लेख में यह भी बताया गया है कि यह भविष्य में BJP के लिए घातक साबित हो सकता है.
‘ऑर्गनाइजर’ भी उठा चुका है सवाल
गौरतलब है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित होने के बाद RSS से जुड़ी पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ ने कहा था कि चुनाव के नतीजे अति आत्मविश्वासी BJP कार्यकर्ताओं और उसके कई नेताओं के लिए वास्तविकता की परीक्षा हैं, क्योंकि वे अपने ‘बुलबुले’ में खुश हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभामंडल का आनंद ले रहे हैं, लेकिन सड़कों पर उठ रही आवाजों को नहीं सुन रहे हैं.
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