Teachers’ Day: मुरैना में एक शिक्षक ऐसे हैं जो दोनों हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं.
05 September, 2024
Teachers’ Day: देश भर में धूमधाम से शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) मनाया जा रहा है. इस दिन भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्मदिन होता है. शिक्षक दिवस पर एक ऐसे दिव्यांग शिक्षक की कहानी हम बताने जा रहे हैं जो हम सबके जीवन के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. हम बात कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मिमसाई में रहने वाले प्रदीप बघेल (Pradeep Baghel) की.
बचपन में कट गए थे दोनों हाथ
भिंड जिले के मिमसाई में रहने वाले प्रदीप बघेल के दोनों हाथ बचपन में ही एक हादसे में कट गए थे. बचपन में पशुओं के लिए चारा काटने वाली मशीन में उनके दोनों हाथ चले गए थे. हादसे के बाद उन्होंने सोच लिया था कि अब उनका पूरा जीवन थम गया है और अब वह कुछ नहीं कर पाएंगे. कुछ दिन बाद दिव्यांग प्रदीप ने अपनी सोच को बदला और जुनून और हौसले से पूरी जिंदगी की बाजी को ही पलट दिया. वो कहते हैं जिद्द करो दुनिया बदलो. दिव्यांग प्रदीप कड़ी मेहनत करके मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा को पास कर अब एक सरकारी शिक्षक बन चुके हैं. वह मध्यप्रदेश के पहाड़गढ जिले के रामनगर गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं.
लैपटॉप और मोबाइल भी चलाते हैं प्रदीप
प्रदीप वह सब काम करते हैं जो एक सामान्य व्यक्ति करता है. प्रदीप लैपटॉप और मोबाइल को इस तरीके से चलाते हैं, जैसे कोई सामान्य व्यक्ति चलाता है. प्रदीप पेन से इस प्रकार से अपने दोनों हाथों से लिखते है, जैसे सामान्य व्यक्ति लिखता है. सामान्य शिक्षक की तरह वह ब्लैक बोर्ड पर चॉक से लिखकर बच्चों को पढ़ाते हैं. प्रदीप बताते है कि वह अपनी मां के साथ खेती के कामों में भी हाथ बटाते हैं.
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