Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में अनिल डागर लीक से हटकर काम कर रहे हैं. दरअसल, अनिल डागर लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं.
17 May, 2024
Madhya Pradesh News: आपने वो कहावत तो जरूर सुनी होगी की, जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा होता है, ऐसी ही एक कहानी है अनिल डागर की, एमपी के उज्जैन में रहने वाले अनिल डागर लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं और अभी तक वह हजारों से ज्यादा लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं. अनिल कई साल से ये काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस काम में प्रशासन उनकी मदद नहीं करता है. वो सारे शवों के रिकॉर्ड खुद रखते हैं और इस प्रक्रिया में लगने वाली साम्रगी भी खुद ही जुटाते हैं.
अनिल डागर ने बताई बड़ी वजह
अनिल डागर को उनके नेक काम के लिए उन्हें कई बार इनाम भी मिले हैं. साथ ही वो बताते हैं कि उनके पास 22 हजार लाशों का अंतिम संस्कार करने का रिकॉर्ड है. वो हमेशा शव की पहचान खुद ही करते हैं. साथ ही प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है. इतना ही नहीं उनका कहना है कि वो सभी लाशों का अंतिम संस्कार करते हैं लेकिन कई बलात्कार की हुई लड़कियों की लाशों को वो ज्यादातर जंगत में फैंक देते हैं, उनका अंतिम संस्कार नहीं करते. इस प्रक्रिया की मदद लेने के लिए वो कई बार सरकार के पास भी गए हैं लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली.
अनिल डागर हैं मानवता की मिसाल
अनिल डागर मानव सेवा को ही अपना धर्म मान कर सभी धर्मों के लोगों का अंतिम संस्कार करते हैं. इतना ही नहीं कोरोना महामारी में भी उन्होंने हज़ारो मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया है, जिसके चलते लोग उन्हें मानवता की मिसाल कहते हैं. उन्होंने इसकी शुरुआत 15 साल कि उम्र से कारी थी, जिनकी आज उम्र 52 साल है.