Jitendra Failure Story: बनासकांठा जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार पेशे से तो किसान हैं, लेकिन हर साल सैकड़ों छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए पढ़ाते हैं.
13 April, 2024
Jitendra Failure Story: गुजरात के बनासकांठा जिले से एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसने यह बता दिया है कि हार किसे के सफलता का कारण भी बन सकती है. एक किसान जिसने लोक सेवा आयोग की परिक्षा तो दी लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी. जिसके बाद उसने दुसरो का भविष्य सुधारने की ठान ली और आज सैकड़ों छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करवा रहे हैं.
आर्ट और कल्चर की भी देते हैं जानकारी
बनासकांठा जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार पेशे से तो किसान हैं, लेकिन हर साल सैकड़ों छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए पढ़ाते हैं. छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन करने के लिए जितेंद्र कुमार ने पहले खुद को और बेहतर बनाया. छात्रों को पढ़ाने के लिए पहले उन्होंने इंग्लिश सीखने के लिए स्पेशल क्लास लीं. जितेंद्र कुमार ने न सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं के हिसाब से छात्र-छात्राओं की तैयारी नहीं कराई बल्कि उन्हें आर्ट और कल्चर जैसे कई विषयों के बारे में भी जानकारी दी.
घर से चला रहे हैं क्लास
इकोनॉमिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट जितेंद्र कुमार का दावा है कि उनके गाइडेंस की बदौलत अब तक 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को अच्छी सरकारी नौकरी मिल चुकी है. वे खेती और पशुपालन के साथ-साथ छात्र-छात्राओं का सरकारी नौकरी का सपना पूरा करने के लिए घर से क्लास चला रहे हैं और उन्हें कामयाबी की राह दिखा रहे हैं. वैसे तो जितेंद्र कुमार ने खुद भी गुजरात लोक सेवा आयोग का मेन एग्जाम तो दिया लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने अपना अनुभव आर्थिक तौर पर कमजोर ऐसे लोगों के साथ बांटने की ठानी जो सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी करना चाहते हैं.