छत्तीसगढ़ का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जल्द ही वर्ल्ड हेरिटेज (विश्व धरोहर) में शामिल हो जाएगा. इसके लिए UNESCO को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
NEW DELHI: छत्तीसगढ़ का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जल्द ही वर्ल्ड हेरिटेज (विश्व धरोहर) में शामिल हो जाएगा.इसके लिए UNESCO को प्रस्ताव भेज दिया गया है. यह जानकारी सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी. मंत्री गजेंद्र शेखावत ने यह घोषणा उस वक्त की, जब बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने उड़ीसा की जगन्नाथ यात्रा को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल करने की मांग की.
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस वर्ष भारत ने छह स्थलों के नाम यूनेस्को को भेजे हैं, जिनमें कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान भी शामिल है. मालूम हो कि हाल ही में कांगेर घाटी को यूनेस्को की ‘टेंटेटिव लिस्ट’ में भी स्थान दिया गया है, जिससे इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है. यह अपनी जैव विविधता, घने जंगलों और अद्भुत गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है.
पर्यटन के लिहाज से कांगेर घाटी काफी महत्वपूर्ण
इस उद्यान का नाम यहां बहने वाली कांगेर नदी से लिया गया है. यह लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला. यह क्षेत्र साल, सागौन और बांस के वृक्षों से आच्छादित है और यहां 555 से अधिक शाकाहारी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 45 दुर्लभ हैं. पर्यटन के लिहाज से भी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान काफी महत्वपूर्ण है. यहां की कुटुम्बसर, कैलाश और डंडक गुफाएं भूवैज्ञानिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर धारा और भैंसा दरहा जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
यह क्षेत्र न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि संरक्षण और अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में अंतिम रूप से स्थान मिल जाता है, तो इससे क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही यह छत्तीसगढ़ को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा.
क्या है ‘वर्ल्ड हेरिटेज’ का मतलब
‘वर्ल्ड हेरिटेज’ का मतलब है (विश्व धरोहर), जो यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसे स्थलों को कहा जाता है जिनका सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या प्राकृतिक महत्व अत्यंत विशिष्ट और विश्व स्तर का होता है. विश्व धरोहर स्थल वे स्थल और क्षेत्र होते हैं जिन्हें सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या वैज्ञानिक महत्व रखने के लिए यूनेस्को द्वारा प्रशासित एक अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत कानूनी संरक्षण प्राप्त है. इन स्थलों को दुनिया भर में सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को मानवता के लिए उत्कृष्ट मूल्य के रूप में आंका जाता है.
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- दिल्ली से कमलेश सिंह की रिपोर्ट