Delhi Election 2025 : दिल्ली में सियासी गरमी के बीच प्रमुख राजनीतिक दलों ने फ्रीबिज रेबड़ी की बैछार कर दी है. इन एलानों से ऐसा लगता है कि बिना रेबड़ी के कोई भी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकती है.
Delhi Election 2025 : देश की राजधानी दिल्ली में आने वाले 5 फरवरी को चुनाव होने है। ऐसे में तमाम पॉलिटिकल पार्टियों की चुनावी तैयारियां लगभग अपने अंतिम रूप में है. एक तरफ जहां पिछले 10 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली में विजय का पताका लहराने के मूड में है, तो वहीं, दूसरी ओर AAP की प्रमुख प्रतिद्वंदी मानी जा रही, BJP इस बार दो-दो हाथ करने के कोशिशों में लगी हुई है. वही, इस मुकाबले को और रोचक बनाने के लिए कांग्रेस ने भी ‘मैजिकल एंट्री’ मारते हुए पूरे चुनावों को ‘त्रिकोणीय टच’ भी दे दिया है. इसी कड़ी में बीते कुछ दिन दिल्ली की जनता के लिए भी काफी खास रहे. सियासी बयानबाजी के साथ, इन तीनों ही पार्टियों ने जनता से ‘दनादन और खटाखट’ वाले वादे भी किए. ऐसे में इस बार दिल्ली की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाती है और इस बार दिल्ली का ‘किंग’ कौन होता है, ये सबसे बड़ा सवाल है. वहीं, इस सवाल को और आसानी से समझने के लिए बीते कुछ दिनों में हुए घटनाक्रमों को हमें गौर से देखना होगा और 3 फैक्टर्स से हम इस सवाल के जवाब तक पहुंच सकते हैं.
चुनावी वादें है असली ‘बॉस’ !
आमतौर पर किसी भी चुनाव की नींव और उसमें कौन-सी पार्टी को जनता अपना समर्थन देगी वो ‘चुनावी वादों’ पर निर्भर करता है. ऐसे में इस चुनाव में भी तीनों पार्टियों के चुनावी वादे ही वोटर्स के वोट अपने पाले में डाल सकते हैं. चुनावी वादों में सबसे पहले AAP की बात करें, तो आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर ‘फ्रीबीज’ का दांव खेल कर अपने विरोधियों को चित कर दिया है. विकास और ‘झक्कास’ का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए चाहे पंजाब हो या दिल्ली ‘फ्रीबीज़’ दमदार रिजल्ट देने वाला एक अहम साधन है. ऐसे में दिल्ली में इस बार भी AAP ने फ्री शिक्षा, 20 हजार लीटर फ्री पानी, 200 यूनिट फ्री बिजली को जारी करने का वादा किया हैं. वहीं, संजीवनी योजना, पुजारी-ग्रंथि योजना जैसे तमाम वादें भी AAP को दिल्ली का ‘किंग’ बना सकते हैं.
इसी कड़ी में अगर बात कांग्रेस पार्टी की जाए, तो पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बाद लंबे समय से देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली में अपनी सियासी जमीन तलाशने में लगी हुई हैं. वादों के इस ‘दांव’ को समझते हुए कांग्रेस ने भी जनता को रिझाने के लिए तमाम वादे कर दिए है, जिसे पार्टी ने ‘कांग्रेस की गारंटी’ बताया है. कांग्रेस ने दिल्ली के लोगों के लिए महंगाई मुक्ति योजना के तहत फ्री राशन किट, मात्र 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने और 300 यूनिट फ्री बिजली देने का मज़बूत वादा भी किया है. साथ ही 25 लाख का मुफ्त इलाज देने की बात भी कही है. साथ ही युवाओं को ‘उड़ान’ देने के दावे के तहत पार्टी ने युवाओं को 8500 रुपये मासिक और एक साल की अप्रेंटिसशिप देने का वादा भी किया है.
वहीं, BJP की 17 जनवरी, 2025 (शुक्रवार) को अपना घोषणापत्र जारी करने वाली है. पार्टी ने नेताओं के बयानों का अगर आकलन करें, तो लग रहा है कि आज आने वाले घोषणापत्र में BJP भी कुछ ऐसे और इससे काफी सटीक वादों को बरसात कर सकती है.
दिल्ली की महिलाएं होंगी ‘गेमचेंजर’ !
देश की राजधानी के लिए अक्सर महिला सुरक्षा और खासकर महिलाएं एक ऐसा टॉपिक हैं, जो हमेशा ‘हॉट टॉपिक’ बना रहता है. इस बार के चुनाव में भी महिलाएं की दिल्ली की सियासत में ‘समस्या’ पैदा कर सकती हैं और इसी चीज को समझ कर तीनों ही पार्टियों ने महिलाओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में दिल्ली की सत्ता पर बैठी AAP ने महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना के तहत हर महीने 2100 रुपए देने का वादा किया. वहीं, इसके अलावा ग्रैंड ओल्ड पार्टी यानी कांग्रेस ने महिलाओं को हर महीने 2500 रूपए देने का वादा किया हैं. साथ ही अगर BJP की बात की जाए, तो भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से ही महिलाओं की पैरवी कर रही है और इसी बीच पार्टी महिलाओं के लिए ऐसी दमदार स्कीम घोषणापत्र में जारी सकती है.
दिल्ली की ‘आबोहवा’ भी है ‘डिसाइडिंग फैक्टर’
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मजबूत और आखिरी फैक्टर की बात करें तो वो है, राजधानी की ‘आबोहवा’ . राष्ट्रीय राजधानी की ‘आबोहवा’ मतलब सिर्फ प्रदूषण ही नहीं बल्कि दिल्ली का विकास, आम लोगों की सुविधा और वो मूलभूत सुविधाए हैं, जो किसी भी व्यक्ति के लिए काफी जरूरी है. पिछले 10 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज AAP वर्ल्डक्लास स्कूल, अस्पताल और तमाम चीजों का दावा करती है. हालांकि, BJP सहित कांग्रेस-AAP के पिछले 10 साल के कामों को महज ‘बुरा सपना’ बता कर खारिज कर रही हैं और खुद नए वादे कर दिल्ली को नए आयाम तक पहुंचाने की बात कर रही हैं.
वहीं, इन तमाम मुद्दों के बाद राजनीति में आखिरी बॉस तो जनता यानी वोटर ही होता है. ऐसे में आगे आने वाले दिनों में क्या होता है और दिल्ली का वोटर किसे ‘किंग’ बनाता है, ये देखने वाली बात होगी.
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