Home RegionalDelhi कोचिंग सेंटर के आरोपियों ने मांगी बेल, HC ने CBI से पूछा- जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या हुई कार्रवाई ?

कोचिंग सेंटर के आरोपियों ने मांगी बेल, HC ने CBI से पूछा- जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या हुई कार्रवाई ?

by Divyansh Sharma
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कोचिंग सेंटर के आरोपियों ने मांगी जमानत, HC ने CBI से पूछा- जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या हुई कार्रवाई- Live Times

Delhi Coaching Tragedy: हाई कोर्ट ने CBI के वकील से बेसमेंट के सह-मालिकों की जवाबदेही के संबंध में ठोस सबूत देने को कहा और साथ ही जवाब मांगा कि इलाके के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

Delhi Coaching Tragedy: दिल्ली हाई कोर्ट ने ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए हादसे से जुड़े मामले में CBI (Central Bureau of Investigation) को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस में जेल में बंद सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर CBI से जवाब मांगा है. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने साथ ही कहा कि घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी. बता दें कि तीन UPSC एस्पिरेंट्स की कोचिंग सेंटर के बेसमेंट डूबने से मौत हो गई थी. इसी मामले में कोचिंग के सह-मालिक परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह जेल में बंद है.

आरोपियों के वकील ने माना वास्तव में दुखद थी घटना

कोचिंग के सह-मालिक परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को CBI को नोटिस जारी किया और एजेंसी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा. आरोपियों की ओर से पेश वकील मोहित माथुर ने माना कि घटना वास्तव में दुखद थी, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किलों ने केवल बेसमेंट और एक अन्य मंजिल को कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया था और इसलिए उन्हें मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि राऊ IAS स्टडी सर्किल (Rau’s IAS Study Circle) को बेसमेंट किराए पर देते समय चारों भाइयों ने कभी नहीं सोचा होगा कि किसी की ऐसे मौत हो जाएगी. मोहित माथुर ने कहा कि इस समय याचिका केवल जमानत के लिए थी, न कि रिहाई के लिए. उन्होंने कहा कि चारों आरोपी करीब छह सप्ताह से हिरासत में हैं.

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वर्तमान मामला कोई साधारण मामला नहीं : कोर्ट

वहीं, जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए कोचिंग सेंटर भेजने पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान मामला कोई साधारण मामला नहीं है. कोर्ट केवल यही चाहती है कि मकान मालिकों को अपनी संपत्ति किराए पर देने से पहले चार बार सोचना चाहिए. कोर्ट ने CBI के वकील से बेसमेंट के सह-मालिकों की जवाबदेही के संबंध में ठोस सबूत देने को कहा और साथ ही जवाब मांगा कि इलाके के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस पर CBI ने कहा कि शहर के अधिकारियों के खिलाफ जलभराव को लेकर जांच की जा रही है. जवाब पर कोर्ट ने कहा कि क्या MCD सो रही थी, उन्होंने इसे सील क्यों नहीं किया और पुलिस क्या कर रही थी? मिंटो ब्रिज में हर साल जलभराव होता है. अगर कोई शिकायत होती है, तो हर अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, CBI ने कहा कि एजेंसी चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है.

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