Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) के उपाध्यक्ष को यमुना नदी के तट, नदी तल और नदी में बहने वाले नालों पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया है.
11 July, 2024
Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट में यमुना नदी तट पर किए गए अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की मांग पर सुनवाई की गई. न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला और एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने DDA के उपाध्यक्ष को यमुना नदी के तट, नदी तल और यमुना नदी में बहने वाले नालों पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया है.
6 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
अदालत ने डीडीए के उपाध्यक्ष को इस मामले में 6 सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस कार्य को करने के लिए DDA के उपाध्यक्ष को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. नोडल अधिकारी को कहा है कि दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली पुलिस, DMRC, PWD, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस मामले में बातचीत करें.
अतिक्रमण से रूक जाता है पानी का प्रवाह
केंद्र सरकार के स्थायी वकील अपूर्व कुरुप ने स्वीकार किया कि यमुना नदी तट पर किए गए अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण से पानी का रुख बदल जाता है. इससे यमुना नदी के आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ जाती है. दिल्ली में बाढ़ आने का एक कारण नालों, नदी तटों और नदी तलों पर हुए अतिक्रमण का होना है. अतिक्रमण होने से यमुना नदी में पानी का प्रवाह रूक जाता है, जिससे राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं.
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