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CRPF Gurukul : CRPF ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में खोलें स्कूल, कुछ इस तरह बदली तस्वीरें

by Live Times
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CRPF Gurukul : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के धुर नकिस प्रभावित इलाके और खूंखार नक्सली गांव में शिक्षा की अलख जगी है. यहां 'सीआरपीएफ गुरुकुल' के नाम से एक स्कूल शुरू किया गया है.

CRPF Gurukul : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के धुर नकिस प्रभावित इलाके और खूंखार नक्सली गांव में शिक्षा की अलख जगी है. यहां ‘सीआरपीएफ गुरुकुल’ के नाम से एक स्कूल शुरू किया गया है.

CRPF Gurukul : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चार गांवों जो कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करते थे, वहां अब बदलाव देखने को मिल रहा है. बंदूकों की आवाज की जगह स्कूल की घंटियां गूंज रही हैं. यह सब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पहल की बदौलत संभव हो पाया है. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में माओवाद विरोधी अभियानों में शामिल CRPF ने चार गांवों में प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल स्थापित किए हैं, जिसका उद्देश्य लोगों के दरवाजे तक शिक्षा पहुंचाना और स्थानीय लोगों को गैरकानूनी सशस्त्र आंदोलन से दूर रखना है.

‘सीआरपीएफ गुरुकुल’ के नाम से मशहूर

‘सीआरपीएफ गुरुकुल’ नाम की ये सुविधाएं दुलेड़, मुकराजकोंडा, टेकलगुडियम और पुवर्ती गांवों आई हैं, जिन्हें पिछले साल जनवरी तक नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, जब वहां पुलिस के शिविर स्थापित किए गए हैं. टेकलगुडियम में पहले भी सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला हो चुका है, जबकि पुवर्ती खूंखार नक्सली नेता हिड़मा का घर है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हुए कई जानलेवा हमलों के पीछे है.

समय मिलते ही बच्चों को पढ़ाते हैं CRPF के जवान

CRPF की मानें तो इन स्कूलों में आसपास के गांवों से ही टीचर रखे गए हैं. खास बात है कि जब CRPF के जवानों को समय मिलता है तो वे भी इन स्कूलों में आकर बच्चों को पढ़ाते हैं. बल के अधिकारी, यहां पर आते रहते हैं. ये दोनों गुरुकुल, दो तीन माह में तैयार किए गए हैं. जमीन को ठीक करने से लेकर वहां पर स्कूल निर्माण और कक्षाओं में विभिन्न तरह की सामग्री लाने तक का काम CRPF ने किया है.

कमजोर हुए नक्सल

इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश को भरोसा दिलाया है कि मार्च 2026 से पहले-पहले सभी हिस्सों से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ खत्म किया जाएगा. CRPF और इसकी विशेष इकाई ‘कोबरा’, डीआरजी और राज्यों की पुलिस, केंद्रीय गृहमंत्री के इस भरोसे को पूरा करने में जुटी हैं. घने जंगल में और नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर CRPF और दूसरे बलों के जवान तेज रफ्तार से ‘फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस’ स्थापित कर रहे हैं.

अधिकारी ने दिया बयान

सीआरपीएफ (सुकमा रेंज) के उप महानिरीक्षक आनंद सिंह राजपुरोहित ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जिन स्थानों पर कभी ‘लाल सलाम’ और गोलियों के नारे गूंजते थे, अब वहां स्कूल की घंटियों की आवाज और बच्चों की चहचहाहट सुनाई देती है. उन्होंने कहा कि ये चार गांव कभी नक्सलियों के प्रभाव वाले थे, लेकिन पिछले साल जनवरी-फरवरी में वहां सुरक्षा शिविर खोले जाने के बाद इन इलाकों में विकास पहुंचने लगा.

यह भी पढे़ं: CM Atishi Resign : करारी हार के बाद आतिशी ने छोड़ा मुख्यमंत्री पद, उपराज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

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