ED Affidavit In Supreme Court: प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ साठगांठ से काम किया है.
25 April, 2024
ED Affidavit In Supreme Court: आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका का ईडी ने विराध किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के सरगना और प्रमुख साजिशकर्ता हैं. ईडी ने यह भी कहा कि सामग्री के आधार पर किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कभी भी ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा’ का उल्लंघन नहीं कर सकती.
शराब कारोबारियों से घूस मांगने में भी शामिल
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ साठगांठ से काम किया है. ईडी ने कहा है कि केजरीवाल आबकारी नीति में दिए गए फायदे के बदले शराब कारोबारियों से घूस मांगने में भी शामिल थे. ईडी का कहना है कि पीएमएलए 2002 में ऐसा कोई अलग प्रावधान नहीं है जिससे ये पता चले कि मुख्यमंत्री या आम नागरिक को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग स्टैंडर्ड के सबूत उपलब्ध हों. ED ने कहा कि याचिकाकर्ता अपने रुतबे पर जोर देकर अपने लिए एक खास श्रेणी बनाने की कोशिश कर रहा है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
9 समन के बावजूद जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि जांच अधिकारी के पास धारा 19 के तहत आवश्यक सामग्री है, जो पीएमएलए के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में उनके दोष का संकेत देती है. गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए ईडी ने कहा कि केजरीवाल को बोना फाइड तौर पर गिरफ्तार किया गया है न कि किसी दुर्भावना या बाहरी कारणों से गिरफ्तार किया गया. ईडी ने अपने हलफनामें में कहा है कि केजरीवाल ने आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और उसे लागू करने में उन्हें फायदा देने के बदले में साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की. साथ ही ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री 9 समन के बावजूद जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं होकर पूछताछ से बच रहे थे.
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