EVM Controversy: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद भी EVM को लेकर बयानबाजी खत्म नहीं हुई है. अभी भी ईवीएम को लेकर कई नेता सवाल खड़ा करते हैं.
24 June, 2024
EVM Controversy: लोकसभा चुनाव 2024 समाप्त हो चुका है और केंद्र में नई सरकार का गठन भी हो गया है. बावजूद इसके इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic voting machine) को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है. दरअसल, अमेरिका कारोबारी एलन मस्क ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा था- ‘हम लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हटा देना चाहिए क्योंकि इवीएम को मानव के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से हैक किए जाने का जोखिम है.’ इसके बाद से विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम पर जताई गई चिंताओं के बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश को शायद मतपत्रों की ओर लौटना पड़ सकता है.
ईवीएम को लेकर जाहिर की चिंता
खास बातचीत में दीपांकर भट्टाचार्य ने एग्जिट पोल और शेयर बाजार घोटाले के कथित भगवाकरण पर भी चिंता जताई. 2024 के आम चुनावों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के संचालन के बारे में अपनी चिंताओं को उजागर करते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि विपक्ष ने चुनावों में 100 प्रतिशत वीवीपीएटी (VVPAT) की गिनती की मांग की थी, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
परीक्षाओं का केंद्रीकरण एक बुरा विचार
वीवीपीएटी (VVPAT) स्वतंत्र वोट जांच की प्रक्रिया है, जो मतदाता को ये देखने की इजाजत देती है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं. हाल ही में एनटीए की ओर से आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताओं और परीक्षाओं को रद्द करने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षाओं का केंद्रीकरण एक बुरा विचार है. उन्होंने ये भी कहा कि चुनावों के भगवाकरण की कोशिश अटल बिहारी वाजपेयी के दौर से हो रही है. भगवाकरण वाजपेयी के दौर से या उससे भी पहले से चल रहा है. ये BJP और RSS का मूल एजेंडा है, दिमाग को नियंत्रित करना.