Importance of Lok Sabha Speaker : लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद 24 जून से संसद सत्र जारी है. पिछले दो दिनों के दौरान चुने गए लोकसभा के सांसदों को शपथ दिलाई गई.
26 June, 2024
Importance of Lok Sabha Speaker: देश के संसदीय लोकतंत्र में स्पीकर की भूमिका बहुत अहम है. प्रोटेम स्पीकर जब नए सदस्यों को शपथ दिला देते हैं तब सदन का पीठासीन अधिकारी चुना जाता है. स्पीकर का कार्यकाल लोकसभा के भंग होने तक रहता है. स्पीकर के इस्तीफा देने या फिर उसको हटाने के लिए लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है. इसके लिए 14 दिन पहले नोटिस जारी करना होता है.
स्पीकर के अधिकार
दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर के पास दलबदल के लिए सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है. इसके अलावा, परिस्थिति के हिसाब से फैसला लेने का अधिकार भी स्पीकर के पास है. लोकसभा के स्पीकर सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं, साथ ही संसदीय नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है.
संपन्न हुआ चुनाव
लोकसभा के स्पीकर संसदीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. संविधान के तहत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सदन शुरू होने के बाद “जितनी जल्दी हो सके” कर लिया जाना चाहिए. आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के स्पीकर का चुनाव 26 जून यानी बुधवार को संपन्न हुआ जिसमें NDA के उम्मीदवार ओम बिरला ध्वनिमत से चुने गए. विपक्ष ने कांग्रेस के आठ बार के सांसद के. सुरेश को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया था..
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