Three New Criminal Laws : देश में तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से प्रभावी हो गए हैं. इस मौके पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि औपनिवेशिक कानूनों का अंत हो गया है.
01 July, 2024
Three New Criminal Laws : भारत में तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से प्रभावी हो गए हैं. आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय (BSA) ने ली. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने प्रेस कॉफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि नए नजरिए के साथ ये तीनों कानून आधी रात में लागू हो गए हैं. शाह ने कहा कि मैं सबसे पहले देश की जनता को बधाई देना चाहता हूं कि आजादी के 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी हो गई है.
दंड की जगह न्याय होगा : गृह मंत्री शाह
अमित शाह ने स्पष्टता के साथ कहा कि तीनों कानून भारतीय मूल्यों पर काम करेंगे. करीब 77 वर्षों बाद इस कानून पर विचार किया गया है और सोमवार से जब ये कानून लागू हो गए हैं. इसी के साथ अब औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया है. देश में अब भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जाएगा. दंड की जगह न्याय होगा. अब थानों में देरी की जगह तत्काल सुनवाई होगी और न्याय जरूर होगा. उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा होती थी, लेकिन अब पीड़ित और शिकायकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा होगी.
संविधान की भावना के अनुसार धाराओं को प्राथमिकता दी
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि हमने अपने संविधान की भावना के अनुसार ही धाराओं और अध्यायों को प्राथमिकता दी है. पहले अध्याय में महिला और बच्चों की सुरक्षा को अहमियत दी गई है. मेरा मानना है कि 35 धाराओं और 13 प्रावधान वाला अधूरा अध्याय पहले ही जोड़ा जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शाह ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास, नाबालिग से रेप पर मृत्युदंड और पहचान छिपाकर, झूठ वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अध्याय परिभाषित किया गया है. इसके अलावा पीड़िता के घर पर जाकर महिला अधिकारी घरवालों की मौजूदगी में बयान दर्ज करेगी. वहीं तीन नए कानून के मुताबिक ऑनलाइन FIR दर्ज करने की सुविधा दी गई है. शाह ने कहा कि इस तरह से बहुत सी महिलाओं को शर्मिंदगी से बचाया जा सकता है.
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