27 January 2024
बिहार में हर पल बदलती सियासत के बीच सस्पेंस बरकरार है, कि नीतीश कुमार पलटी मारेगें या नहीं। इस बीच आज बीजेपी और आरजेडी ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। आरजेडी दोपहर में विधायक दल की बैठक करेगी। वही बीजेपी राज्य कार्यकारिणी की बैठक शाम को होगी।
बिहार की राजनीति में 3 दिन से आए भूचाल के बाद पटना से लेकर दिल्ली तक मंथन का दौर जारी है। अटकलें है कि नीतीश एक बार फिर यू-टर्न लेकर बीजेपी के साथ जाने वाले हैं।
आरजेडी ने सूबे के सियासी संकट से निपटने के लिए आज दोपहर तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 सर्कुलर रोड पर विधायक दल की बैठक बुलाई है। वही वेट एंड वॉच के मूड में दिख रहे नीतीश कुमार 28 जनवरी, यानि रविवार को अपने नेताओं के साथ सलाह मशविरा करेंगे।
बीजेपी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद होगें। माना जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी इस बैठक में चर्चा करेगी। तावड़े ने कहा, कि इस बैठक में सभी पदाधिकारी, सभी विधायक और सांसद आएंगे।
बिहार विधानसभा का नंबर गेम
बिहार विधानसभा के नंबर गेम की बात करें, तो 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए 122 विधायक चाहिए। लालू यादव की आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, तो बीजेपी 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 45 विधायक है, वो तीसरे नंबर पर है। कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं। आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट, तीनों के विधायकों की तादात को जोड़ा जाए, तो कुल सदस्य 114 होते है, जो बहुमत के आंकड़े से 8 कम है।
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की बात करें तो गठबंधन की अगुवाई कर रही पार्टी के 78 विधायक हैं। जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली हम पार्टी के 4 विधायक हैं। नीतीश कुमार को माइनस करके देखें तो एनडीए के विधायकों की संख्या 82 पहुंचती है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी एक विधायक है, जो न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में। आंकड़ों को देखें तो एनडीए हो या महागठबंधन, नीतीश की पार्टी जिधर का रुख करेगी, उधर आसानी से सरकार बन भी और बच भी जाएगी।