8 March 2024
इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, यह ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है। बता दें कि सुधा मूर्ति एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ नारायण मूर्ति के साथ इंफोसिस की नींव रखने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनकी समाज में पहचान सादगी, सौम्य स्वभाव और मेहनत के लिए की जाती है।
‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पोस्ट करते हुए लिखा कि, मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामांकन किया गया है। उन्होंने कहा, सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।
सुधा मूर्ति टीचर और लेखक भी हैं
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को शिगांव में हुआ, वह इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ-साथ टीचर और लेखक भी हैं, उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। इसी के साथ उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की है। बता दें कि सुधा समाज के गरीब बच्चों को शिक्षा देने काम करती हैं। ताकि समाज में शिक्षा का महत्व आम लोग समझ सकें, इन्हीं सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें देश का चौथा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।