Home Politics रक्षा क्षेत्र में हमें भारत की क्षमताओं पर भरोसा, पिछली सरकारें संशय में थीं – राजनाथ सिंह

रक्षा क्षेत्र में हमें भारत की क्षमताओं पर भरोसा, पिछली सरकारें संशय में थीं – राजनाथ सिंह

by Rashmi Rani
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Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बृहस्पतिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार रक्षा क्षेत्र में ‘भारत और भारतीयों की क्षमताओं में विश्वास करती है, जबकि पिछली सरकारें कुछ हद तक अपनी क्षमताओं को लेकर संशय में थीं। आज न सिर्फ भारतीय रक्षा व्यवस्था मजबूत है, बल्कि भारत भी मजबूती के साथ वैश्विक पटल पर उभर रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत न सिर्फ विकसित राष्ट्र के रूप में सामने आएगा, बल्कि हमारी सैन्य शक्ति दुनिया की सर्वोच्च सैन्य शक्ति बनकर उभरेगी । भारत की रक्षा व्यवस्था इसलिए मजबूत हुई, क्योंकि हमने रक्षा व्यवस्था के साथ-साथ भारतीयता पर भी फोकस किया। हमने रक्षा व्यवस्था को न सिर्फ मजबूत किया, बल्कि उसे भारतीयों की दृष्टि के अनुसार मजबूत बनाया ।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना की
उन्होंने कहा कि इसलिए हमने भारतीय सेना के उस गर्व को, उसके सम्मान को भी बढ़ावा दिया। हमने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) की स्थापना की, हमने अपने veterans का सम्मान किया, हमने अपने पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को लागू किया । रक्षा मंत्री ने कहा कि इसलिए भगवान राम के विस्तार के रूप में, भारतीय संस्कृति को आप देखें, तो आपको भारत की सैन्य शक्ति और हमारी आध्यात्मिकता के बीच में कोई विरोधाभास नहीं, बल्कि पूर्ण तारतम्य दिखता है। जब आप भारत को भारत के नजरिए से देखेंगे, अपनी सेना को भारतीय नजर से देखेंगे, तो हर नागरिक को अपने देश की सेना पर गर्व होता है, क्योंकि सेना उस नागरिक की सुरक्षा के लिए होती है।

अकबर की बजाय, महाराणा प्रताप को सम्मान दिया
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमनें अकबर की बजाय, महाराणा प्रताप को सम्मान दिया, हमने औरंगजेब की बजाय छत्रपति शिवाजी महाराज को सम्मान दिया, हमने मैकाले की दी गई भारतीय दंड संहिता को नकार कर ‘भारतीय न्याय संहिता’ को अपनाया । हमने इस देश की संस्कृति और सांस्कृतिक क्षमता में अपने युवाओं का विश्वास दृढ़ किया है । उन्होंने कहा कि 2014 में जब हम सरकार में आए, तो सरकार में आने से पहले हम किसी सुषुप्ता अवस्था में नहीं थे, बल्कि हम आजादी के बाद से ही एक आंदोलन के रूप में कार्य कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के समय से ही, भारत को देखने का, भारत के इतिहास को देखने का, हमारे युवाओं को देखने का, व हमारी क्षमताओं को देखने का हमारा एक दूसरा नजरिया था। वह नजरिया कभी खत्म नहीं हुआ। इसलिए जब हम सरकार में आए, तो हमने उस नजरिए को सामाजिक सहमति बनाया ।

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