Home National प्रेम सिंह तमांग ने पहले विद्रोह करके बनाई पार्टी, फिर 31 सीट जीतकर रचा इतिहास; ऐसा रहा है उनका राजनीतिक सफर

प्रेम सिंह तमांग ने पहले विद्रोह करके बनाई पार्टी, फिर 31 सीट जीतकर रचा इतिहास; ऐसा रहा है उनका राजनीतिक सफर

by Live Times
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प्रेम सिंह तमांग ने पहले विद्रोह करके बनाई पार्टी, फिर 31 सीट जीतकर रचा इतिहास; ऐसा रहा है उनका राजनीतिक सफर

Sikkim Assembly Election 2024 Result : 56 वर्षीय प्रेम सिंह तमांग को सक्षम संगठनकर्ता, प्रशासक और तेजतर्रार राजनेता माना जाता है. उन्होंने राज्य में अपनी पार्टी की जड़ों को इतनी गहराईयों तक पहुंचा दिया कि इस बार SKM की सीटों से लेकर वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई.

02 June, 2024

Sikkim Assembly Election 2024 Result : प्रेम सिंह तमांग की नेतृत्व वाली पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने एक बार फिर राज्य की सत्ता में वापस लौटी है. रुझानों में पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है. 32 सीटों वाली असेंबली में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को 31 सीटें मिली हैं, जबकि पवन कुमार चामलिंग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है. इससे पहले 1989 और 2009 में सिक्किम संग्राम परिषद और SDF ने ऐसा कारनामा करके दिखाया था.

तमांग ने संगठन और वक्ता से पार्टी में जान झोंकी

56 वर्षीय प्रेम सिंह तमांग को सक्षम संगठनकर्ता, प्रशासक और तेजतर्रार राजनेता माना जाता है. उन्होंने राज्य में अपनी पार्टी की जड़ों को इतनी गहराईयों तक पहुंचा दिया कि इस बार SKM की सीटों से लेकर वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. तमांग अपनी वाणी के साथ कई विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बदौलत जनता के दिलों में जगह बना सके हैं. साल 2017 में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद एक साल तक जेल में बंद रहे और उसके बाद उन्होंने अपनी एक नई पार्टी बना ली. इस पार्टी ने राज्य में इतनी तेजी से अपने पैर पसारने शुरू कर दिए कि साल 2019 में 17 सीटें जीतकर चामलिंग को सत्ता से बाहर कर दिया.

SDF ने लगातार अपना जनाधार खोया

बता दें कि 2019 में SDF के 15 सीटें जीती थीं, लेकिन दो विधायकों ने दो-दो सीटों पर जहां चुनाव लड़ा था इनमें से दोनों पर जीत दर्ज करने के बाद एक सीट छोड़नी पड़ी और पार्टी की सदस्य संख्या 13 रह गई. चामलिंग को असली झटका तब लगा जब एक साथ 10 विधायकों ने पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली, जबकि शेष दो विधायक SKM में चले गए थे, इसके बाद चामलिंग पार्टी के तरफ से असेंबली में अकेले सदस्य रह गए थे. वहीं तमांग ने अपनी शक्ति को और मजबूत करने के साथ अपनी पार्टी को आधार बनाकर लोगों के समर्थन का विस्तार करने के लिए महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए लक्षित कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने, केंद्र से उदार वित्त पोषण के साथ विकास कार्यों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया.

2013 में पार्टी बनाने के बाद तमांग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा

5 फरवरी, 1968 को कालू सिंह तमांग और धन माया तमांग के घर जन्मे प्रेम सिंह तमांग ने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के एक कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त ली और उसके 1990 में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गए. हालांकि, उन्होंने केवल तीन साल बाद ही अपनी नौकरी छोड़ दी और 1994 में SDF की सह-स्थापना की, जिसके साथ वे लगभग 20 वर्षों तक जुड़े रहे और 2013 में अपनी पार्टी बनाने से पहले वे 15 वर्षों तक मंत्री रहे थे. SKM ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें. चामलिंग से मतभेद होने के बाद तमांग ने सिक्किम की राजनीति में एकाकी कदम उठाए, जिससे उन्हें अपने पूर्व गुरु के क्रोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्हें एक साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उन्हें राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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