12 दिसंबर 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले चार सालों में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र में नए सिरे से विश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मोहभंग, भ्रम और निराशा की जगह अब विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं और अपनी ताकत और कौशल के आधार पर भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं। पीएम मोदी ने यहां के लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर जीवन स्तर चाहते हैं जो हिंसा और अनिश्चितताओं से मुक्त हो। प्रधानमंत्री के मुताबिक उनकी सरकार नागरिकों की चिंताओं को समझने, कामों के माध्यम से विश्वास बनाने और “विकास, विकास और अधिक विकास” को प्राथमिकता देने के तीन स्तंभों को प्राथमिकता देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने फैसले के माध्यम से अदालत ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है। आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी की जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर बड़ी बातें-
– जम्मू-कश्मीर में मोहभंग, निराशा और हताशा की जगह अब विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली है।
– सुप्रीम कोर्ट ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत किया है।
– सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के माध्यम से भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है।
– आज जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को साफ-सुथरा माहौल मिलता है।
– यहां का हर बच्चा अब जीवंत आकांक्षाओं से भरे अपने भविष्य को साकार कर सकता है।
– आज लोगों के सपने बीते समय के मोहताज नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाएं हैं।
– पहले महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के वंचित तबकों को उनका हक नहीं मिल रहा था।
– लद्दाख की आकांक्षाओं की भी अनदेखी की जा रही थी, अब ऐसा नहीं है।
– सभी केंद्रीय कानून अब क्षेत्र में बिना किसी भय या पक्षपात के लागू किए जाते हैं।
– अब प्रतिनिधित्व भी पहले से अधिक व्यापक हो गया है।
– त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली लागू हो गई है
– बीडीसी चुनाव हुए हैं और शरणार्थी समुदाय, जिन्हें लगभग भुला दिया गया था, उन्हें भी विकास का लाभ मिलना शुरू हो गया है।
– सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को माना कि अनुच्छेद 370 का स्वरूप स्थायी नहीं था।
– जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लुभावने परिदृश्य ने पिछले सात दशकों में हिंसा और अस्थिरता के सबसे खराब रूपों को देखा।
– मेरा हमेशा से दृढ़ विश्वास रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ था, वह हमारे राष्ट्र और वहां के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात था।
– मेरी यह भी प्रबल इच्छा थी कि मैं इस कलंक को, लोगों पर हुए इस अन्याय को मिटाने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, उसे जरूर करूं।
– मैं हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना चाहता था।
– अनुच्छेद 370 और 35 (ए) बड़ी बाधाएं थीं और इसके कारण पीड़ित लोग गरीब और वंचित रहे।
– अनुच्छेद 370 और 35(ए) के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों को वह अधिकार और विकास कभी नहीं मिल पाया, जो अन्य देशवासियों को मिला।
– अनुच्छेद 370 और 35(ए) के कारण एक ही राष्ट्र के लोगों के बीच दूरियां पैदा हो गईं।
– अनुच्छेद 370 और 35(ए) अनुच्छेदों को हटाए जाने के बाद केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं ने शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है।
– सरकारी रिक्तियां कभी भ्रष्टाचार और पक्षपात का शिकार होती थीं लेकिन आज उन्हें पारदर्शी और सही प्रक्रिया के तहत भरी गई हैं।
– जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में अब रिकॉर्ड वृद्धि, रिकॉर्ड विकास, पर्यटकों के रिकॉर्ड आगमन को सुनकर लोगों को सुखद आश्चर्य होता है।
– मई 2014 से मार्च 2019 तक 150 से अधिक मंत्रिस्तरीय दौरे हुए, यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। – 2015 का विशेष पैकेज जम्मू-कश्मीर की विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 26 प्रतिभाशाली फुटबॉल खिलाड़ी अफशां आशिक 2014 में श्रीनगर में पथराव करने वाले समूह का हिस्सा थीं,लेकिन आज सही प्रोत्साहन मिलने पर अफशां आशिक ने फुटबॉल में बेहतर प्रदर्शन किया।
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