18 दिसंबर 2023
संसद की सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर दोनों सदनों में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लेकिन उससे पहले आज दोनों सदनों के 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जिसमें राज्यसभा के 45 और लोकसभा के 33 सांसद शामिल हैं। दरअसल राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए कुल 22 नोटिस मिले हैं। लेकिन उन्होंने उन नोटिस को अस्वीकार कर दिया है।
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने क्यों किया हंगामा ?
विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया और आसन से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का अवसर दिया जाए। सभापति के इंकार के बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए नारे करने लगे। जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। बाद में सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन उससे पहले सदन के 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
लोकसभा में भी हंगामा
वहीं लोकसभा में भी संसद की सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा और नारेबाजी की। जिसके कारण निचले सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान 33 लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सांसद गृह मंत्री अमित शाह से सदन में इस मामले पर जवाब देने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा ?
खरगे ने कहा कि मोदी सरकार ने संसद और लोकतंत्र पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अभी तक 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर लोकतांत्रिक प्रणालियों को कूड़ेदान में फेंक दिया है।
सत्ता पक्ष का विपक्ष पर निशाना
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष सदस्यों ने भद्दा हंगामा किया और सदन का अपमान भी किया। इन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर में देश को शर्मिंदा किया है। साथ ही उन्होंने स्पीकर और चेयरमैन का अपमान भी किया है।
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