JDU Candidates List: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल जेडियू ने बिहार में 16 लोकसभा सिटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. हम आपको बताएंगे किसके कहां से टिकट मिला है और क्या है उनकी शैक्षिक योग्यता.
26 March, 2024
जेडीयू ने बिहार में 16 लोकसभा सिटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है . जेडीयू ने इस बार 4 सीटों पर अपने कैंडिडेट बदले हैं. जिसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम सीवान की कविता सिंह का है. जिनका इस बार उनका टिकट कट गया है. वाल्मीकि नगर से सुनील कुमार, शिवहर से लवली आनंद तो सीवान से विजय लक्ष्मी को जेडीयू ने टिकट दिया है . वहीं, मुंगेर से ललन सिंह को टिकट दिया गया है तो चलिए जानते हैं कि किसको कहां से टिकट मिला है और उनके बारे में कुछ खास बातें.
2019 के लोकसभा चुनाव में वाल्मीकि नगर सीट से सुनील कुमार के पिता बैद्यनाथ प्रसाद महतो ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2020 में उनका निधन हो गया. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ और सुनील कुमार को जीत मिली. हालांकि साल 2014 में बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे ने सुनील कुमार को हराकर जीत अपने नाम कर ली थी. बता दें कि इनका व्यवसाय कृषक है और शैक्षिक योग्यता स्नातक है. सुनील कुमार ने एम जे के कालेज बेतिया से स्नातक किया है.
बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को टिकट मिलने के बाद चर्चाओं का बाजार तेज हो गया है. कुछ दिनों पहले ही लवली आनंद ने आरजेडी से अलग हो होई थी और जेडीयू का दामन थाम लिया था. लवली आनंद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1994 में लोकसभा चुनाव से ही की थी ।
कविता सिंह को टिकट ना देकर इस बार जेडीयू ने जीरादेई के पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है. बता दें कि विजय लक्ष्मी शनिवार को ही जेडीयू में शामिल हुई हैं.
विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को सीतामढ़ी से टिकट देकर सीएम नीतीश कुमार ने साबित कर दिया है कि वो अपनी दोस्ती पूरी शिद्दत से निभाते हैं. नीतीश कुमार जब I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा थे, तब ही ये घोषणा कर दी थी कि सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर चुनाव लड़ेंगे.
झंझारपुर से जेडीयू ने रामप्रीत मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है. रामप्रीत मंडल अभी यहां से सांसद भी हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने आरजेडी के उम्मीदवार गुलाब यादव को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया था. वहीं, रामप्रीत मंडल दसवीं पास हैं, किशन यूसीएच विद्यालय, बथनाह से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की है.
जेडीयू ने दिलेश्वर कामत को सुपौल से टिकट दिया है. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत मार्च 2006 में जदयू से ही हुई थी. रेलवे अधिकारी से सेवानिवृत्त होने के बाद दिलेश्वर को पार्टी ने पहली बार वर्ष 2009 के विधानसभा उपचुनाव में भाग्य आजमाने का मौका दिया था.
किशनगंज से इस बार मुजाहिद आलम को पार्टी ने टिकट दिया है. मुजाहिद आलम जेडीयू के कोचाधामन से विधायक भी रह चुके हैं. लंबे समय से वो पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. बता दें कि 2019 में इस सीट से जिसे टिकट दिया गया था, उनकी मौत हो गई है.ऐसे में इस बार मुजाहिद आलम को उम्मीदवार बनाया गया है.
कटिहार से जेडीयू ने दुलालचंद्र गोस्वामी को मौका दिया है. वो अभी कटिहार से सांसद हैं, टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा कि जिस नीतीश कुमार को महागठबंधन ने सम्मान नहीं दिया बिहार की जनता उस महागठबंधन को कभी भी सम्मान नहीं देगी.
पूर्णिया से एक बार फिर संतोष कुमार को पार्टी ने टिकट दिया है. लगातार तीसरी बार पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. फिलहाल पूर्णिया सीट को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरु हो गई है.बता दें कि संतोष कुमार की शैक्षिक योग्यता बी.ए. है . उन्होंने एस.एन.एस.वाई कॉलेज पूर्णिया से शिक्षा ग्रहण की है.
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू ने दिनेश चंद्र यादव को टिकट दिया है. पार्टी ने दूसरी बार उनपर भरोसा जताया है.2019 के लोगसभा चुनाव में उन्होंने शरद यादव को करीब 3 लाख वोटो से हरा दिया था.
जेडीयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन को दूसरी बार पार्टी ने गोपालगंज से टिकट दिया है. आलोक कुमार एक सफल सांसद के रूप में जाने जाते हैं. एक गरिब परिवार से आने के बाद भी उन्होंने डॉक्टरी से राजनीतिक सफर तय किया है .
जेडीयू ने इस बार भागलपुर सीट से गोपाल मंडल को टिकट ना देकर अजय कुमार मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है. अजय कुमार मंडल की शैक्षिक योग्यता नौवीं पास है और उनका व्यवसाय समाज सेवा व कृषक है. अजय कुमार मंडल को टिकट मिलने के बाद गोपाल मंडल के सूर ही अचानक बदल गए हैं.
गिरिधारी यादव को जेडीयू ने बांका से उम्मीदवार बनाया है. वो अभी बांका से सांसद हैं. वो तीन बार लोकसभा और चार बार बिहार विधान सभा के लिए चुने गए हैं. गिरिधारी यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए., एलएल.बी. है. भागलपुर विश्वविद्यालय और डॉ. हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है.
सीएम नीतिश कुमार के करीबियों में से ललन सिंह एक हैं. मुंगेर से इस बार उन्हें टिकट दिया गया है. 29 दिसंबर 2023 को ललन सिंह ने जेडीयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. पार्टी की तरफ से तब कहा गया था कि वो मुंगेर लोकसभा सीट पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया.
नालंदा बिहार के वीआईपी लोकसभा सीट में एक है. जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार को ही फिर से टिकट दिया गया है. बता दें कि साल 2009 से कौशलेंद्र कुमार लगातार जीत रहे हैं.
जहानाबाद नक्सल प्रभावित जिला में आता है और सुरक्षा की दृष्टि से इसे संवेदनशील माना जाता है. यह इलाका कई नक्सली हमलों का गवाह रहा है और इस बार भी इस सीट से टिकट चंदेश्वर प्रसाद को दिया गया है.
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